गृह मंत्री अनिल विज ने आस्ट्रेलिया में कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि गीता जी का ज्ञान हरियाणा की धरती पर दिया गया, धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में दिया गया, इसलिए हरियाणा सरकार और हमारा दायित्व बनता है कि जो ज्ञान हमारी धरती पर दिया गया है उसका प्रचार प्रसार दुनिया के कोने कोने तक पहुंचाया जाए।
उन्होंने कहा कि हमारा यह भी सौभाग्य है कि हमारे इस कार्य को आगे बढ़ाने के लिए गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज दिन रात एक किए हुए हैं। वे गीता जी के ज्ञान को स्थान स्थान पर पहुंचाने, इस पर चर्चा करने, संगोष्ठी करने और उसकी व्याख्या करने के लिए लगातार कार्य कर रहे है।
उन्होंने कहा कि गीता जी का ज्ञान जिस देववाणी से दिया गया वह संस्कृत है, संस्कृत हमारी मां बोली भाषा नहीं है, हम हिंदी बोलते हैं, हम बंगाली, गुजराती, मराठी इत्यादि बोलते हैं लेकिन यह जो ज्ञान है वह संस्कृत में दिया गया है और इस ज्ञान की गहराई तक जाने के लिए संस्कृत का ज्ञाता होना भी बहुत आवश्यक है ताकि हम इसका सही अर्थ निकाल सके।
इसलिए इसके अर्थ का अनर्थ ना हो इसलिए स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज और अन्य महाराज आज इसका प्रचार प्रसार करने के लिए कार्य कर रहे है ताकि उसका असली शब्दार्थ लोगों तक पहुंचाया जा सके। उन्होंने कहा आज यह कार्यक्रम ऑस्ट्रेलिया में आयोजित किया गया। इससे पहले, कनाडा, यूके और मॉरिशस में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव आयोजित किया गया है।