हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि गीता जी का उपदेश लोगों को बताता है कि “ठीक क्या है, गलत क्या है, ज्ञान क्या है, शिष्टता क्या है, दुष्टता क्या है, अच्छा क्या है, बुरा क्या है” इन सबका ज्ञान गीता जी में बताया गया है।
उन्होंने कहा कि मानव जाति को ठीक रास्ते पर चलने के लिए गीता के माध्यम से राह दिखाई और बताई गई है ताकि उनके जीवन में उजाला हो सके।
विज आज ऑस्ट्रेलिया में सिडनी के डार्लिंग हार्बर थियेटर में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के अंतर्गत “गीता एन अपीटोम ऑफ पीस, फ्रेटरनिटी एंड हारमोनी” विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय गीता सेमिनार में उपस्थितजनों को संबोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर गुरु शरणानंद जी महाराज, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज, तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव कार्यक्रम की इस संगोष्ठी का आरंभ हमने दीप प्रज्वलन करके किया है। उन्होंने कहा कि हमारी परंपरा है कि हम अक्सर अपने कार्यक्रम दीप प्रज्वलित करके करते हैं क्योंकि दीपक अंधेरे को मिटा कर रोशनी का रास्ता दिखाता है।
उन्होंने कहा कि मानव जाति के जीवन में उजाला करने के लिए लगभग 5000 वर्ष पूर्व भगवान श्री कृष्ण ने अपने शिष्य अर्जुन के माध्यम से लोगों के जीवन में उजाला करने के लिए गीता जी का उपदेश दिया जो जिंदगी के टेढ़े मेढ़े रास्तों में व्यक्ति को रोशनी दिखाने का काम करता है।
कार्यक्रम में उपस्थित लोगों के साथ संवाद स्थापित करते हुए श्री विज ने कहा कि “धर्म पर बहुत चर्चा होती है सारे विश्व में धर्म पर चर्चा होती है लेकिन धर्म 3 अक्षरों का शब्द है यानी ऐसा रास्ता धारण करना, जो मुक्ति दिला दे, मंजिल दिला दे, मोक्ष दिला दे। उन्होंने कहा कि अगर इस फार्मूले पर गीता जी को परखा जाए तो इनमें सारे गुण हैं।
यह जीवन में आपकी जो मंजिल है उस मंजिल को दिला सकता है और अगर आप मोक्ष प्राप्त करना चाहते हैं तो मोक्ष दिला सकता है। इसमें ज्ञान योग, भक्ति योग, संख्या योग, कर्म योग के अलावा सभी प्रकार के योगों का उल्लेख किया गया है।