जलवायु परिवर्तन से मौसम चक्र भी बदल गया है। मार्च के बाद अप्रैल में भी 6 दिनों से मौसम हर रोज रंग बदल रहा है। जिससे किसानों की सांसें अटकी हुई हैं।
सरसों की कटाई के बाद फसल कढ़ाई के लिए खेतों में पड़ी हुई है। जबकि गेंहू के लिए अब तापमान में वृद्धि होना फायदेमंद रहेगा। गुरुवार अलसुबह से ही तेज हवाओं के चलने का दौर शुरू हो गया था।
आसमान में काली घटाएं छाने से तेज बारिश शुरु होने की संभावना बन गई थी। एक बार 7 बजे बूंदाबांदी होनी शुरू हो गई थी। लेकिन गनीमत रही कि बूंदाबांदी बंद हो गई।
किसान भगवान से बारिश न होने की दुआं मांग रहे है। जिससे कि फसलों की कटाई और कढ़ाई का काम पूरा हो सके।
पहले भी हो चुकी है बेमौसम बारिश: मार्च महीने में बेमौसमी बारिश 18,19 अौर 20 को हुई थी। इसके बाद में 30-31 मार्च को फिर से बारिश ने अपना कहर बरपाया।
अभी किसान पहले हुई बारिश के कहर से ऊभरे भी नहीं थे कि सोमवार 3 अप्रैल अलसुबह ही आसमान में काले बादल छा गए थे।