युवा बचाओ रैली युवा परिवार सेवा समिति (वाईपीएसएस) के युवाओं ने युवा बचाओ अभियान के तहत ओटीटी व सोशल प्लेटफार्म पर चलने वाले अश्लील, हिंसक व नशे को प्रमोट करने वाले कंटेंट पर रोक लगाने की माँग को लेकर शहर के विभिन्न क्षेत्रों में युवाओं ने रैली निकाली।
इस रैली में भारी संख्या में युवकों ने भाग लिया और सरकार से जल्द से जल्द सीनेमाटोग्राफी एक्ट 1952 में संशोधन कर ओटीटी व सोशल प्लेटफॉम्र्स पर एक नया सेंसर बोर्ड बनाने की मांग की।
युवा परिवार सेवा समिति के महासचिव डॉ. राजवीर ने कहा कि भारतीय संस्कृति को छिन्न-भिन्न करने के उद्देश्य से बॉलीवुड के एक वर्ग द्वारा कई दशकों से अश्लीलता, हिंसा व नशा परोसा जा रहा था। लेकिन यदि इस पर थोड़ी बहुत लगाम आज भी लगी हुई थी तो उसका कारण सेंसर बोर्ड था।
महासचिव डॉ. राजवीर ने कहा कि बॉलीवुड लगातार इस कोशिश में लगा हुआ था कि किसी तरह इस आखिरी बची हुई मर्यादा की दीवार को भी गिराया जाए ताकि वो अपनी फिल्मों को बेचने और लोकप्रिय बनाने के लिए किसी भी हद को पार कर जाए और इनकी सालों की कोशिशें अब कामयाब हो चुकी हैं। वेब सीरीज़ ऐसी ही फि़ल्मों को कहा जाता है जो बिना किसी सेंसर बोर्ड की चेकिंग के सीधे तौर पर मोबाइलों तक पहुँचाई जा सकती हैं।
आज फि़ल्मों और वेब सीरीज़ के लिए ओटीटी प्लेटफॉम्र्स जैसे कि एमएक्स प्लेयर, नेटफि़्लक्स, एमेजॉन प्राइम, हॉटस्टार इत्यादि काफी ऐसे प्रचलन हैं कि मोबाइल्स के माध्यम से इनकी पहुंच हर घर और व्यक्ति तक हो गई है।
इन प्लेटफॉम्र्स पर कोई सेंसर बोर्ड ना होने के कारण बेहद अश्लील, हिंसक व नशे को प्रमोट करने वाला कंटेंट परोसा जा रहा है। जिसका सीधा असर भारतीय संस्कृत, सभ्यता और मूल्यों पर पड़ रहा है।
इसलिए देश के जिम्मेदार युवा होने के नाते उन्होंने कहा कि देश के नौजवानों के मन में ज़हर भरने वाले ऐसे अश्लील और हिंसक कंटेंट पर रोक लगाई जाए।
इस मौके पर युवा परिवार सेवा समिति की ओर से स. जसबीर सिंह, कुल्विंदर परहार, कुलवंत, पवन शर्मा, डॉ. मेघम शर्मा, अमन प्रभाकर, अमन खोखर व गुरुमेल सिंह भी मौजूद थे।