बांग्लादेश से आए 40 सिविल सेवकों ने हरियाणा की प्रशासनिक सेवाओं, पंचायती राज, पुलिस, राजस्व, नगर निगम की गतिविधियों तथा डीसी,एसडीएम व अन्य अधिकारियों की भूमिका के बारे में जाना और कहा कि बंग्लादेश से मिलती-जुलती है हरियाणा की प्रशासनिक गतिविधियां।
सोमवार को जिला सचिवालय के सभागार में उपायुक्त राहुल हुड्डïा ने बंग्लादेश से 57वें क्षमता निर्माण कार्यक्रम में आए 40 सिविल सेवकों का यमुनानगर में पंहुचने पर प्रशासन की तरफ से स्वागत किया। उपायुक्त ने विस्तार से जिले में डीसी की भूमिका के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उपायुक्त का जिले में अहम योगदान होता है।
सरकार द्वारा जो भी आम जनता के लिए योजनाएं चलाई जाती है उन योजनाओं का आम जनता तक लाभ पंहुचे इसकी जिम्मेवारी उपायुक्त की होती है। वह समय-समय पर सम्बंधित अधिकारियों की बैठक लेकर विकास कार्यो की समीक्षा करता है। उन्होंने कहा कि करीब 40 ऐसी कमेटी है जिनके माध्यम से विकास कार्यो का अमली जामा पहनाया जाता है। इन कमेटियों के अध्यक्ष डीसी ही होते है।
जिले में कानून व्यवस्था, विभाग के अधिकारियों में आपसी तालमेल, विकास कार्यो को गति देना, जिले की हर जरूरी गतिविधियों को उच्च अधिकारियों को व मुख्यमंत्री तक पंहुचाना, जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों से लगातार सम्पर्क रखना, आम जनता की समस्याएं सुनकर अधिकारियों के माध्यम से उनका निराकरण करना जैसे बहुत से कार्य उपायुक्त के क्षेत्र में आते है।
उपायुक्त ने कहा कि चुनाव के समय उपायुक्त जिला निर्वाचन अधिकारी हो जाते है और उनकी देखरेख में जिला स्तर का चुनाव करवाया जाता है। उपायुक्त ने जिले में पुलिस अधीक्षक की भूमिका के बारे में भी प्रतिनिधिमण्डल को जानकारी देते हुए कहा कि जिले में कानून व्यवस्था की देखभाल पुलिस अधीक्षक करते है। जिले में कोई दंगे, जलूस होते है तो उस पर भी पुलिस अपनी देखरेख में व्यवस्था बनाती है।
बैठक में एएसपी जश्रदीप कौर ने बताया कि जिले में कानून व्यवस्था थानों के माध्यम से की जाती है। आम जनता को यदि कोई दिक्कत आती है तो वह अपने नजदीक के सम्बंधित थाने में जा कर अपनी समस्याएं बताते है जिसका पुलिस द्वारा समाधान किया जाता है और पीडि़त का न्याय दिलाया जाता है। उन्होंने बताया कि हरियाणा में आजकल ऑनलाईन एफआईआर की जाती है।