अभय सिंह चौटाला ने ईटेंडरिंग और रिकॉल पर बोलते हुए कहा कि सरपंच जनता के द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि होते हैं ऐसे में सरकार को कोई भी कॉल का हक नहीं है उन्होंने कहा कि ईटेंडरिंग को लेकर सरपंचों का विरोध लगातार जारी है सरपंचों को चाहिए कि वह सरकार के नुमाइंदों को गांव में ही ना घुसने दे।
जिस तरह से किसान आंदोलन में सरकार के नुमाइंदों को गांव के अंदर प्रवेश नहीं करने दिया गया था उसी तरीके से इनका विरोध किया जाना चाहिए। सीएम प्रदेश का मुख्यमंत्री है तो सरपंच गावों के मुख्यमंत्री हैं ईटेंडरिंग के पीछे सरकारी कमिसनखोरी है इससे अफसरों की ताकत बढ़ेगी न कि सरपंचों की।
किसानों के साथ उन्होंने झूठे वादे किए और आंदोलन को खत्म कराया उसी का नतीजा है कि अब दोबारा से किसान आंदोलन कभी भी शुरू हो सकता है। यह सरकार शुरू से ही बैकफुट पर रही है चुनाव के नजदीक आते देख लोगों को धर्म के नाम पर लड़ाने का काम करती है।