October 24, 2024
देश के शीर्ष शिक्षाविदों ने 75 शंखों के शंखनाद के साथ राष्ट्रीय शिक्षा को ऊंचे मुकाम पर पहुंचाने के मिशन की शुरूआत कर दी। इनका उदेश्य भारत को विश्व गुरु बनाना है और देश के प्रत्येक बच्चे को शिक्षित करना है। मंथन कार्यक्रम इंद्रधनुष ऑडिटोरियम, पंचकूला में नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल एलाइंस (निसा) द्वारा आयोजित किया गया था। हरियाणा के स्कूल शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। विशिष्ट अतिथि के तौर पर एनसीईआरटी के डायरेक्टर प्रो. दिनेश सकलानी और पद्मश्री डॉ. भारत भूषण त्यागी उपस्थित रहे।
प्रदेश के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि शिक्षा की बेहतरी के लिए मंच से किए गए शंखनाद का मैं कायल हो गया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति की बेहतरी के लिए शिक्षाविदों की यह पहल सराहनीय है। शिक्षा नीति में सुधार के लिए हरियाणा सरकार का एक दल स्कॉटलैंड भेजा गया था। आज मंथन कार्यक्रम में शिक्षाविदों की बातों को सुन कर लगा कि स्कॉटलैंड को टीम भेजकर धन और समय दोनों की बर्बादी हुई। शिक्षा नीति के संबंध में निसा की वचनबद्धता से प्रभावित मंत्री ने स्कूल संचालकों को भरोसा दिलाया कि सरकार शिक्षा की बेहतरी के लिए उनके साथ मिलकर काम करेगी। मुख्यमंत्री से हुई बातचीत के बाद तय किया गया है कि अच्छे प्राइवेट स्कूलों को कुछ सरकारी स्कूलों को गोद लेना चाहिए। इस काम में सरकार उनको पूरा सहयोग देगी। उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा सरकार प्राइवेट स्कूलों की परेशानियों को खत्म करने के लए वचनबद्ध है।
एनसीईआरटी के डायरेक्टर प्रो. दिनेश सकलानी ने कहा, ”मेरा सपना और लक्ष्य है कि समाज का हर बच्चा शिक्षित हो। भारतीय सभ्यता दुनिया की  कुछ सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है। हमारा एक बेहद गौरवशाली इतिहास रहा है। वैदिक सभ्यता और संस्कृति के दम पर हम दुनिया में आगे बढ़े और विश्व गुरु कहलाए। हमें फिर से विश्व गुरु बनने के लिए अपनी प्राचीन संस्कृति की ओर लौटना होगा। हमें अपने ग्रंथों, उपनिषदों का अध्ययन करके और उनसे प्रेरित होकर शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से काम करना होगा।”
प्रो. सकलानी ने आगे कहा कि हम राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर काम कर रहे हैं। आज के दौर की सबसे बड़ी जरूरत है कि बच्चों की बेहतरी के लिए बड़ों को शिक्षित किया जाए। शिक्षा के क्षेत्र में निष्काम कर्म करने की आवश्यकता है। शिक्षित बच्चों से ही राष्ट्र मजबूत होगा। इसके लिए प्रयास शुरू हो चुके हैं। जल्दी ही इसके सार्थक नतीजे सामने आने लगेंगे।

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