सरस्वती हैरिटेज बोर्ड के वाईस चेयरमैन धुम्मन सिंह किरमिच ने पीडब्ल्यूडी रैस्ट हाऊस बिलासपुर के सभागार में किसानों की बैठक ली। उन्होंने कहा कि सरस्वती नदी का ट्रेक गांव मछरौली, मोहड़ी, बिलासपुर, भवानीपुर, मिल्क खास, चंदा खेड़ी, आदि के गांवों से निकलता है। इन गांवों के लगभग सारे किसान इस बैठक में शामिल हुए। मुख्यमंत्री मनोहर लाल का सपना है कि इस क्षेत्र में सरस्वती नदी बहे। उन्होंने बताया कि इसके लिए डैम, बैराज, रिजर्ववायर का कार्य जल्द की पूरा हो जाएगा। सरस्वती नदी लगातार बहे इसके लिए किसानों के साथ जमीन अधीग्रहण को लेकर सहमति बनाई है।
उन्होंने बताया कि लगभग सभी किसान खुशी-खुशी इस बात पर सहमत है कि सरस्वती नदी यहां पर बहे ताकि आने वाले समय में पानी की कमी न हो। क्षेत्र में सरस्वती नदी बहेगी तो किसानों का फायदा होगा। आज लगभग सभी किसानों ने अपनी सहमति दी है। उन्होंने बताया कि हरियाणा की माटी से हजारों साल पहले बहने वाली सरस्वती नदी के किनारे ही वेदों की रचना हुई। इन वेदों और ग्रंथों से ही पूरे विश्व को ज्ञान और विज्ञान का पाठ पढऩे को मिला। इस नदी को संस्कृति और सभ्यताओं की जननी भी कहा जाता है। इस पवित्र नदी को फिर से धरातल पर लाने और इस नदी के किनारे प्राचीन काल में बसने वाली सभ्यताओं पर शोध करने का प्रयास सरकार द्वारा किया जा रहा है। इस शोध से युवा पीढ़ी को देश की प्राचीन संस्कृति और सभ्यता से आत्मसात करने का एक अवसर मिलेगा।
इस अवसर पर सरस्वती हैरिटेज बोर्ड के कार्यकारी अभियंता नितिन, जेई रविन्द्र प्रताप, किसान दलविन्द्र सिंह, केहर सिंह, राम कुमार, सतप्रकाश, सुखदेव सिंह, नरेन्द्र कुमार, महेन्द्र सिंह, जय कुमार, विनेश गर्ग, बलदेव सिंह, लाभ सिंह सहित अन्य किसान उपस्थित रहे।