सरकार द्वारा बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया को पहले से आसान एवं सरल किया गया है ताकि जरूरतमंद अभिभावकों को बच्चा गोद लेने के लिए परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने जिला बाल संरक्षण इकाई और महिला एवं बाल विकास विभाग को नई प्रक्रिया के बारे में आमजन को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि बच्चा गोद लेने के लिए आवेदन ऑनलाइन होंगे और जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा आवेदक के बारे में सारी जांच की जाएगी। सारी शर्तें पूरी होने उपरांत ही जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा बच्चा गोद लेने के लिए अप्रूवल दी जाएगी।
अनाथ व लावारिस, अंतर-परिवार और सौतेले माता-पिता द्वारा यानि तीन तरह से बच्चा गोद लिया जाता है। उन्होंने बताया कि जरूरतमंद लोग बच्चा गोद लेने के लिए किसी भी बिचौलिए के बहकावे में न आएं। केवल राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त दत्तक एजेंसियों के माध्यम से गोद ले सकते हैं। किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल एवं संरक्षण) लेने के लिए केयरिंग वेबसाइट पर सारी जानकारी विस्तार से दी गई है। उन्होंने बताया कि वेबसाइट सीएआरआईएनजीएसडॉटएनआईसीडॉटआईएन पर अपना ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं। ऑनलाइन पंजीकरण करते समय सभी जरूरी दस्तावेज अपलोड करें। नागरिक गलत दस्तावेज अपलोड ना करें। ऐसा करने पर आवेदन रद्द किया जा सकता है।
गोद की प्रक्रिया में इन शर्तों को पूरा करना अनिवार्य
उन्होंने बताया कि दंपत्ति को बच्चे का दत्तक ग्रहण करने की अनुमति तब ही दी जाएगी जब उनके वैवाहिक संबंध कम से कम दो वर्ष तक रहे हों। बिना विवाह के साथ रहने वाले दंपत्तियों को बच्चे के दत्तक ग्रहण की पात्रता नहीं है।
बच्चा गोद लेने के लिए अभिभावकों की रजामंदी जरूरी
बच्चा गोद लेने के लिए माता-पिता दोनों की रजामंदी आवश्यक है। एक अकेली महिला किसी भी लिंग के बच्चे को गोद ले सकती है। इसके साथ दत्तक ग्रहण करने वाले संभावित माता-पिता के पास बच्चे की अच्छी परवरिश के लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधन होने चाहिए। दत्तक ग्रहण करने वाले माता-पिता का स्वास्थ्य अच्छा होना चाहिए। दो या दो से अधिक बच्चों के अभिभावक बच्चा गोद नहीं ले सकते। आवेदन के साथ लगाने होंगे कुछ जरूरी दस्तावेज आवेदन के साथ वांछित दस्तावेज की तीन-तीन प्रतियां संलग्र करनी होगी। दो स्वयं सत्यापित प्रतियों सहित मूलरूप से दस्तावेजों की आवश्यकता होगी।