विवाहिता को रात्रि थाने में लेकर उससे मारपीट करने व उस पर ही मामला दर्ज करने के आरोपों पर गृह मंत्री अनिल विज शनिवार जनता दरबार में खफा दिखे। उन्होंने मौके पर ही नारायणगढ़ के तत्कालीन डीएसपी को तलब करते हुए इस केस को लेकर जवाब-तलब किया और अम्बाला के एसपी को जांच के निर्देश दिए। जनता की फरियादें सुनते हुए उन्होंने कहा कि “अनिल विज के दरवाजे हमेशा खुले हैं और शिकायत लेकर कोई भी आ सकता है”।
शनिवार को अम्बाला छावनी के पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में गृह मंत्री अनिल विज के जनता दरबार में प्रदेश के कोने-कोने से छह हजार से अधिक संख्या में फरियादी आए। न्याय की आस लेकर अंतिम पंक्ति में खड़े फरियादी की समस्या को गृह मंत्री अनिल विज ने सुना और अधिकारियों को कार्रवाई के दिशा-निर्देश दिए। इस दौरान शहजादपुर थाना क्षेत्र से आई महिला ने आरोप लगाया कि बीते वर्ष अक्तूबर माह में पति से झगड़े के मामले में पुलिस ने उसके खिलाफ गलत कार्रवाई की।
उसका आरोप था कि उसे रात्रि को पुलिस टीम थाने लेकर गई और वहां उसके साथ मारपीट भी की गई। उसने बताया कि इस दौरान थाने के सीसीटीवी कैमरे भी बंद कर दिए गए थे। इस मामले में गृह मंत्री अनिल विज ने नाराजगी जताते हुए मौके पर नारायणगढ़ के तत्कालीन डीएसपी को बुलाकर जवाब-तलब किया। मंत्री विज ने सख्ती से कहा कि रात्रि में महिला को थाने में क्यों ले जाया गया।
इस मामले में डीएसपी कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे सके। डीएसपी ने मंत्री विज के समक्ष यह भी माना कि उस समय थाने के सीसीटीवी बंद थे और उन्होंने इस मामले में संबंधित पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय जांच के लिए लिखा था। गृह मंत्री अनिल विज डीएसपी के इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने मौके पर ही अम्बाला एसपी को फोन करते हुए जांच के निर्देश दिए।