आजादी अमृत महोत्सव की श्रृंखला में मत्स्य पालन विभाग में नई – नई स्कीमों के अतिरिक्त हरियाणा सरकार द्वारा अनुसूचित जाति के बेरोजगारों के आर्थिक स्तर को ऊंचा उठाने के लिए अनेक योजनाएं क्रियान्वित की गई हैं।
डीसी राहुल हुड्डा ने बताया कि अनुसूचित जाति के व्यक्ति को मछली पालन के लिए पंचायती तालाब पटृट्टे पर लेने के लिये प्रथम वर्ष पट्टा राशि पर पचास हजार रुपये प्रति हैक्टेयर अथवा पट्टे की वास्तविक राशि का 50 प्रतिशत, दोनो में से जो कम हो, का अनुदान प्रदान किया जाता है।
अधिसूचित पानी में से मछली पकडऩे के लिये ठेकेदारों को भी कुल बोली की 25 प्रतिशत मिलेगा। द्वितीय वर्ष के लिए पट्टा राशि पर 25 प्रतिशत अथवा अधिकतम पच्चीस हजार रूपये प्रति हेक्टेयर में से जो भी कम हो, का अनुदान भी प्रदान किया जाता है। इसके अलावा अधिसूचित पानी में से मछली पकडऩे के लिये ठेकेदारों को कुल बोली का 25 प्रतिशत अथवा चार लाख रुपये अधिकतम सीमा तक राशि प्रदान की जाएगी।
अनुसूचित जाति का व्यक्ति बेहतर ढंग से मछली पालन का कार्य कर सके इसके लिये विभाग द्वारा मत्स्य पालन का प्रशिक्षण भी दिया जाता है। इसके लिये सौ रूपये प्रतिदिन का प्रशिक्षण भत्ता 10 दिन के लिये एंव एक बार का आने – जाने का सौ रूपये प्रति व्यक्ति किराया दिया जाता है।
मछली पालन हेतू जाल खरीदने पर भी सात हजार रुपये अनुदान राशि
उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा मछली मण्डियों में स्थापित दुकानो में मछली बिक्री हेतू अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को थोक बिक्री के लिए पांच हजार रुपये प्रतिमाह एवं परचून बिक्री के लिए तीन हजार रुपये प्रतिमाह अथवा वास्तविक किराया दोनों में से जो कम हो प्रदान किया जाता है।