हरियाणा सरकार ने सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में 1 सितंबर से चौथी व पांचवीं की भी कक्षाएं लगाने का फैसला लिया है। छठी से 12वीं तक के बच्चों के लिए जो एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) जारी की हुई है, वही चौथी-पांचवीं के लिए भी लागू होगी। इसके अनुसार, बच्चों को स्कूल आने के लिए पैरेंट्स की लिखित अनुमति लेनी होगी। स्कूल में एंट्री के समय बच्चों का तापमान मापा जाएगा और पूरी डिटेल मुख्यालय को भेजनी होगी। एक दिन में 50 फीसदी बच्चों को ही बुलाया जाएगा।
इन दोनों कक्षाओं में प्राइवेट व सरकारी स्कूलों के करीब 9,63,267 विद्यार्थी हैं। सरकारी स्कूलों में चौथी में 231025 व 5वीं में 235055 विद्यार्थी हैं। प्राइवेट स्कूलों में चौथी में 247134 व 5वीं में 250053 विद्यार्थी हैं। कोरोना की दूसरी लहर के चलते प्रदेश में 16 अप्रैल को स्कूल बंद किए गए थे। कोरोना के केस कम होने पर 9वीं से 12वीं तक के स्कूल 16 जुलाई से और छठी से आठवीं तक के स्कूल 23 जुलाई से खुल चुके हैं। सूत्रों का कहना है कि अगर कोरोना केस नहीं बढ़े तो जल्द ही नर्सरी से तीसरी तक की कक्षाओं को लेकर भी फैसला लिया जा सकता है।
बड़ी चिंता: सरकारी में भी अब तक सिर्फ 50% स्टाफ ने वैक्सीन लगवाई, प्राइवेट की तो मॉनिटरिंग भी नहीं
प्रदेश में स्कूल भले खोल दिए गए हैं, लेकिन बड़ी चिंता यह है कि सरकारी स्कूलों के करीब 50% टीचर्स व स्टाफ ने कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाई है। प्राइवेट स्कूलों में स्टाफ के वैक्सीनेशन की तो मॉनिटरिंग भी नहीं की जा रही। ऐसे में अभिभावकों की चिंता है कि स्टाफ के वैक्सीनेशन के बिना स्कूल प्रबंधन बच्चों को कैसे सुरक्षित रख पाएगा।