गन्ने के दाम बढ़ाने की मांग पर अड़े किसानों ने शुक्रवार सुबह 10 बजे शाहाबाद सहकारी चीनी मिल पर ताला जड़ दिया। इससे पहले ही चीनी मिल परिसर में गन्ने की 300 के करीब ट्रालियां जमा थीं।
करीब पांच बजे तक इन ट्रालियों का गन्ना खत्म होने के बाद मिल बंद हो गई। अब इसे दोबारा शुरू करने में ही एक लाख रुपये के करीब का खर्च आएगा।
किसानों के मिल गेट को ताला लगाते ही मौके पर मौजूद पुलिस ने किसानों को ताला खुलवाने के लिए समझाया।
किसानों ने पुलिस उप अधीक्षक रणधीर सिंह के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया और मांग पूरी होने पर ही मिल का गेट न खोलने की बात कही। मिल को दोबारा चालू करना ही मिल प्रबंधन के लिए बड़ा वित्तीय नुकसान है।
भाकियू (चढूनी ग्रुप) ने गन्ने के दाम 450 रुपये क्विंटल करवाने की मांग को लेकर 17 जनवरी से ही गन्ने की छिलाई बंद करवानी शुरू कर दी थी। इसके बाद शुक्रवार की सुबह ही किसान मिल गेट पर जुटने लगे।
किसानों ने मिल के गेट पर ताला लगाकर प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कार्यकारी प्रधान कर्म सिंह मथाना और जसबीर सिंह मामूमाजरा ने कहा कि अपनी मांग को लेकर 17 जनवरी से ही किसानों ने गन्ने की छिलाई बंद कर दी थी।