अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय संयोजक अशोक बल्हारा की अध्यक्षता में संपन्न एक बैठक में यश मलिक के जसिया ( हरियाणा) में दिए उस बयान की कड़ी निंदा की गई जिसमें उन्होंने जाट समाज के लोगों के लिए गुंडे, आतंकवादी और चाकू की नोक पर काम करवाने वाले जैसे शब्दों का प्रयोग किया था।
बैठक में इस पर भी चर्चा हुई कि यशपाल मलिक ने पिछले 15 वर्षों में बतौर राष्ट्रीय अध्यक्ष हरियाणा के कौम को क्या दिया। इन वर्षों के दौरान 21 बच्चों की शहादत हुई और करीब 2200 मुकदमों से युवाओं का भविष्य खराब हुआ। उन्होंने सरकार से मिल कर खुद पर लगा देशद्रोह का मुकदमा खारिज करवाया। उन्होंने कौम के करोड़ों रुपए बर्बाद किए। हरियाणा के जाट आज किसी भी श्रेणी में आरक्षित नहीं हैं। मलिक ने 20 मार्च 2017 को दिल्ली कूच से पहले हरियाणा के लोगों को साथ न लेकर खुद 18 मार्च की रात को सरकार से कौम का सौदा करने का घिनौना काम किया जिसे कौम कभी माफ नहीं करेगी।
सभी ने सर्वसम्मति से यशपाल मलिक द्वारा खापों किसान संगठनों व् जाट संघर्ष समिति व दूसरे संगठनों के बीच मतभेद कराने की साजिश का मुंहतोड़ जवाब देने की बात कही।
2 अक्टूबर 2021 को दिल्ली में नांगलोई जाट धर्मशाला में जब जाट समाज अभियान का पर्चा निकाला गया, तभी अशोक बल्हारा ने अपने सैकड़ों साथियों के साथ, मलिक द्वारा सरकार से मिलकर किसान आंदोलन को कमजोर करने की साजिश का भंडाफोड़ करते हुए यशपाल मलिक का साथ छोड़ने का ऐलान किया था। फिर 19 दिसंबर 2021 को हिसार में बड़ी पंचायत बुलाकर यशपाल मलिक को समिति से बाहर का रास्ता दिखाने का काम किया। बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि गौरवशाली कौम के खिलाफ ओछी टिप्पणी के लिए मलिक को तुरंत माफी मांगें, वरना आने फरवरी महीने में खापों, किसान मजदूर संगठनो व जाट संघर्ष समिति मलिक के खिलाफ कड़ा निर्णय लेगी।
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आज की बैठक में जो प्रस्ताव पारित किए गए उनमें प्रमुख हैं- जाट आंदोलन और किसान आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमे वापस हों, जाटों को हरियाणा में बैकवर्ड क्लास बी और केंद्र में ओबीसी के तहत आरक्षण मिले, एमएसपी पर गारंटी कानून बने, पूंजीपतियों की तरह किसानों का कर्ज भी माफ हो, अग्निपथ, निजीकरण और मजदूर विरोधी कानून तुरंत प्रभाव से वापस हों। आज की बैठक में मौजूद प्रतिनिधियों में प्रमुख थे- उतर प्रदेश से बलबीर चौधरी, राजस्थान से अरविंद चौधरी, दिल्ली से अश्विनी चौधरी, पंजाब से परमपाल, कमलजीत, धर्मवीर ढींढसा, किरपाल सिंह, राजकुमार, कैप्टन वेद प्रकाश, काशीराम, सतीश चेयरमैन, राष्ट्रीय प्रेस प्रवक्ता धर्मपाल बडाला, आदि मौजूद रहे I