पंजाब की पश्चिमी सीमाओं पर भारतीय सेना के जवानों की वीरता और बलिदान को श्रद्धांजलि देने और विजय दिवस मनाने के लिए, आजादी का अमृत महोत्सव की पूर्व संध्या पर खरगा कोर के ऐरावत डिवीजन द्वारा 07 से 16 दिसंबर 22 तक शहीदों की याद शीर्षक से एक साइकिल अभियान चलाया गया इस अभियान में दस साइकिल चालक शामिल थे जिन्होंने हमारे सैनिकों द्वारा किए गए बहादुर बलिदानों को श्रद्धांजलि दी।
यह अभियान 686 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए माधोपुर बीआर से झंडी दिखाकर रवाना किया गया l अभियान 1965 और 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध से संबंदित डेरा बाबा नानक, दरिया मंसूर, बुर्ज से जुड़ा पटियाला में असल उत्तर, खेमकरण, हुसैनीवाला और ममदोट गया और उन्होंने इन स्थानों के आस-पास के विभिन्न युद्ध स्मारकों पर शहीदों के प्रति अपनी श्रद्धा अर्पित की, युद्ध के मैदान की पवित्र मिट्टी एकत्र की और रास्ते में भारतीय सेना के दिग्गजों के साथ बातचीत की।
दूर-दराज के स्थानों पर पूर्व सैनिकों से जुड़ने, शहीदों को श्रद्धांजलि देने और साहस की भावना जगाने के लिए अभियान दल के प्रयासों की युद्ध के दिग्गजों और उनके परिवारों द्वारा सराहना की गई भारतीय सेना हमेशा सभी साहसिक कार्यों और राष्ट्र निर्माण गतिविधियाँ में सबसे आगे रही है और यह अभियान “द लास्ट बैस्टियन के नाम को सही ठहराने के लिए जारी है।
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