फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी को कानून गारंटी दिलाने के लिए किसानों ने अब आन्दोलन करने का मन बना लिया। लगभग सभी किसान संगठन एमएसपी पर आन्दोलन करना चाहते हैं। भारतीय किसान मजदूर संगठन के अध्यक्ष वीएम सिंह ने तो एमएसपी गारंटी किसान मोर्चा का गठन कर आन्दोलन छेड़ भी दिया है। वीएम सिंह वही किसान नेता है जिन्होंने 26 जनवरी पर लाल किले की हिंसा के बाद किसान आन्दोलन से अलग होने का एलान किया था।
वीएम सिंह ने हर घर एमएसपी, गांव गांव एमएसपी, का नारा देते हुए दिल्ली के पंजाब खोड़ से एमएसपी आन्दोलन शुरू कर दिया है। फसल हमारी , भाव तुम्हारा नही चलेगा का नारा देते हुए वीएम सिंह ने बहादुरगढ़ में इकठ्ठा हुए किसान संगठनों से भी संगठित होकर आन्दोलन चलाने को कहा है। बहादुरगढ़ में किसान संगठनों ने किसान आन्दोलन वापसी की पहली बरसी पर शहीद किसानों को श्रद्धांजलि भी दी है।
केन्द्र सरकार ने तीनों कृषि कानून वापिस लेने के साथ एमएसपी पर संयुक्त मोर्चा के साथ मिलकर कमेटी बनाने का एलान किया था। पराली अधिनियम और बिजली बिल वापिस लेने को भी कहा था। इतना ही नही किसान आन्दोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमें भी वापिस लेने को कहा था लेकिन हजारों किसानों पर मुकदमें अभी तक बाकि है।
किसान नेताओं का कहना है कि सरकार पिछले दरवाजे से बिजली बिल अधिनियम दोबारा लाने का प्रयास कर रही है। एमएसपी पर जो कमेटी बनाई है उसमें सिर्फ सरकारी और सरकार के हितैषी लोगों को जगह दी है । इसलिए एक बार फिर से आन्दोलन की जरूरत आन पड़ी है।