नगर निगम के जोन 1 के बाद अब जल्द ही जोन 2 में डोर टू डोर कचरा उठान का कार्य शुरू किया जाएगा। इसको लेकर नगर निगम ने पूरी तैयारी कर ली है। जोन दो से निकलने वाले कचरे का निस्तारण औरंगाबाद कचरा निस्तारण प्लांट में किया जाएगा। एजेंसी द्वारा इसके लिए प्लांट व मशीनरी लगा दी गई है। जल्द ही जोन दो से भी कचरा उठान का कार्य शुरू किया जाएगा।
डोर टू डोर कचरा उठान व्यवस्था को लेकर नगर निगम आयुक्त आयुष सिन्हा ने मंगलवार को औरंगाबाद व कैल कचरा निस्तारण प्लांट का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने दोनों कचरा निस्तारण प्लांट का जायजा लिया और दोनों एजेंसियों के पदाधिकारियों से बातचीत की। उन्होंने दोनों एजेंसियों को कचरा उठाने वाले वाहनों (टिप्पर) की संख्या बढ़ाने, प्लांट में सीसीटीवी कैमरे लगवाने, कचरा ढोने वाले सभी वाहनों में जीपीएस लगाने, आरडीएफ का डिस्पोजल व कचरे से बनने वाले खाद की सेंपलिंग कराने के निर्देश दिए।
बता दें कि नगर निगम में 22 वार्ड है। 11-11 वार्डों के दो जोन बनाकर डोर टू डोर कचरा कलेक्शन का काम किया जा रहा। जोन एक में कचरा कलेक्शन, शिफ्टिंग व निस्तारण का कार्य श्री श्याम एसोसिएशन एजेंसी द्वारा किया जा रहा है। वहीं, जोन दो में यह कार्य आईएनडी सॉल्यूशन गुरुग्राम एजेंसी करेंगी। एजेंसी द्वारा औरंगाबाद कचरा निस्तारण प्लांट में मशीनरी लगा दी गई है। जिससे शहर से आने वाले कचरा से जैविक खाद तैयार की जाएगी। जल्द ही एजेंसी जोन दो में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन का काम शुरू करेंगी। मंगलवार को निगम निगम आयुक्त आयुष सिन्हा अतिरिक्त निगमायुक्त धीरज कुमार, सीएसआई हरजीत सिंह, एमई दीपक सुखीजा व अन्य के साथ औरंगाबाद कचरा निस्तारण प्लांट पहुंचे।
यहां उन्होंने एजेंसी के निदेशक चिराग दराल को जल्द से जल्द टिप्परों की संख्या बढ़ाने, कंट्रोल कमांड सेंटर बनाने, सीसीटीवी कैमरे लगवाने, सभी वाहनों में जीपीएस लगवाने के निर्देश दिए। ताकि जल्द से जल्द जोन दो में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन का काम शुरू किया जा सके। उन्होंने एजेंसी को निर्देश दिए कि टेंडर की शर्तों के अनुसार काम किया जाए। इसके बाद निगमायुक्त आयुष सिन्हा व अन्य अधिकारी कैल कचरा निस्तारण प्लांट पहुंचे।
यहां उनके साथ एसई हेमंत कुमार, एक्सईएन विकास धीमान, सीएसआई सुरेंद्र चोपड़ा व अन्य अधिकारी भी पहुंचे। यहां मशीनों के माध्यम से कचरा निस्तारण का काम किया जा रहा था। निगमायुक्त ने प्लांट का जायजा लिया और कचरे से बनाई जा रही जैविक खाद की जांच की। उन्होंने एजेंसी को टिप्परों व अन्य कचरा ढोने वालों वाहनों की संख्या में बढोतरी करने, प्लांट में पड़े आरडीएफ को डिस्पोज करने, खाद की सेंपलिंग करने, सभी वाहनों की जीपीएस लगाने, कंट्रोल कमांड सेंटर बनाने के निर्देश दिए।