अम्बाला लोकसभा सांसद रतनलाल कटारिया ने कहा कि श्रीमद् भगवद् गीता के सार को हमें अपने जीवन में उतारने की आवश्यकता हैं। श्रीमद् भगवद् गीता के प्रत्येक श£ोक को हमें पढऩा चाहिए। श्रीमद् भगवद् गीता के सार को जब हम अपने जीवन में उतारेगें तो आपके जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन देखने को मिलेगा और आप मानव सेवा की ओर अग्रसर होगें। यह अभिव्यक्ति लोकसभा सांसद रत्नलाल कटारिया ने राम बाग मैदान अम्बाला शहर में आयोजित गीता जयन्ती महोत्सव में बतौर मुख्यअतिथि अपने सम्बोधन में कहें।
इस मौके पर रामबाग मैदान अम्बाला शहर में जिला स्तरीय गीता महोत्सव के उपलक्ष में लगाई गई भव्य प्रदर्शनी का सांसद ने अवलोकन भी किया। इस मौके पर उनके साथ अतिरिक्त उपायुक्त सचिन गुप्ता, एसडीएम अम्बाला शहर दर्शन कुमार, मनदीप राणा, संजीव गोयल टोनी, अनिल गुप्ता सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। मंचीय कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि द्वारा श्रीमदभगवद गीता के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया। गीता जयंती महोत्सव के दूसरे दिन भी भारी संख्या मे लोगों ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया और जानकारी प्राप्त की जिनमें स्कूली बच्चों के साथ-साथ अन्य लोग भी शामिल थे।
अम्बाला लोकसभा सांसद रत्नलाल कटारिया ने इस मौके पर गीता जयन्ती महोत्सव की बधाई देते हुए कहा कि आज सारे प्रदेश में नहीं विदेशों में भी गीता महोत्सव को धूम धाम के साथ मनाया जा रहा हैं। 19 नवम्बर को कुरूक्षेत्र में अन्तर्राष्ट्रीय गीता जयन्ती का शुभारम्भ लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला, मुख्यमंत्री हरियाणा श्री मनोहर लाल, गीता मुनीषी स्वामी ज्ञानान्नद जी महाराज, मुरारी बापू व अन्य की उपस्थित में किया गया हैं।
गीता का संदेश सारे विश्व में जन-जन तक पहुंचे इसी के अन्तर्गत पिछले वर्ष इंग्लैड में गीता महोत्सव को मनाने का काम किया गया, वहां की संसद में गीता रखी गई, उसके बाद कनाडा में भी गीता महोत्सव को मनाने का काम किया गया और वहां पर भी संसद में गीता रखी गई। अब अतंर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के अवसर पर मार्च के महीने में यह उत्सव मनाने का काम किया जायेगा। उन्होंने कहा कि श्रीमदभगवद गीता के संदेश को हमें जन-जन तक पहुंचाने का काम करना है। उन्होंने यह भी कहा कि गीता का जो सार है, स्वार्थी नहीं परमार्थी बनो, दूसरों की सहायता करो, दूनिया के काम आओ।
उन्होने कहा कि गीता जीवन में उतारने का सबसे बड़ा महान ग्रन्थ है। जीवन का सम्पूर्ण सार गीता में हैं। लगभग 5100 वर्ष पहले भगवान श्री कृष्ण ने गीता का जो संदेश उस समय दिया था उसकी सार्थकता आज भी उतनी ही है। गीता के एक श्लोक को यदि हम मन से आत्मसात कर लें तो हम अपने जीवन को सफल बना सकते हैं। उन्होने कहा कि आज गीता स्थली कुरूक्षेत्र सारी दूनिया का आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है। वहां पर गीता के 18 अध्यायों को लेकर विराट भवन बनाया जा रहा है। एस्कोन भी वहंा आ गया है। ज्योतिसर में भगवान श्री कृष्ण की विराट प्रतिमा स्थापित की गई है। प्रदेश सरकार द्वारा गीता का संदेश जन-जन तक पहंचे, इसके लिए निरंतर कार्य किए जा रहे है।