पशुपालक अब 25 से 300 रुपये का प्रीमियम देकर अपने बड़े पशुओं जैसे गाय, भैंस के साथ-साथ छोटे पशुओं का भी बीमा करवा सकते हैं। वहीं गोशालाएं भी पांच पशुओं का बीमा करा सकती हैं। राष्ट्रीय पशुधन मिशन व प्रदेश सरकार के साझा कार्यक्रम के अनुसार चलाई गई इस योजना में पिछले तीन वर्षो में तीन लाख से अधिक पशुपालकों ने 6.40 लाख पशुओं का बीमा करवाया था जोकि एक रिकार्ड है।
इन दो वर्गों में होगा पशुओं का बीमा-
पशुपालन एवं डेयरिंग विभाग के उपनिदेशक डॉ. प्रेम सिंह ने बताया कि नई बीमा पालिसी के अनुसार पशुओं का दो प्रकार से वर्गीकरण किया गया है, जिसमें बड़े-छोटे पशु शामिल रहेंगे। बड़ेे पशुओं में गाय, भैस, झोटा, सांड, घोड़ा, ऊंट, खच्चर, बैल आदि शामिल हैं, जबकि छोटे पशुओं में भेड़, बकरी व खरगोश का बीमा करवा सकता हैं। हरियाणा पशुधन विकास बोर्ड की ओर से पशुओं का वर्ष का बीमा होगा, जिसमें बीमा की राशि का 1.49 प्रतिशत की दर से प्रीमियम लिया जाएगा। बड़ेे पशुओं के लिए 100 रुपये से लेकर 300 रुपये तक प्रीमियम राशि देकर दुग्ध व श्रेणी अनुसार बीमा होगा, जबकि छोटे जानवरों के लिए मात्र 25 रुपये खर्च करने होंगे। यदि पशुपालक चाहे तो आगामी तीन वर्ष के लिए बीमा करवा सकता है।
दुर्घटना में मृत्यु होने पर मिलेगा बीमा क्लेम-
योजना के अनुसार पशु की आकस्मिक या दुर्घटना में हुई मौत को कवर किया जाता है। बीमा होने के 21 दिन बाद यह योजना लागू होती है। हालांकि पशु चोरी होने पर कोई क्लेम नहीं होगा। एक पशु पालक बड़े पशुओं की दूध क्षमता एवं आयु के आधार पर 50 हजार से लेकर अधिकतम 88 हजार रुपये तक, जबकि छोटे पशुओं या जानवरों की मौत पर अधिकतम 10 हजार रुपये से 20 हजार रुपये क्लेम राशि का दावा कर पशु चिकित्सक की रिपोर्ट अनुसार कर सकेगा।
बीमा करवाने के लिए पशुपालक को सरल पोर्टल या ई-सेवा केंद्र, कामन सर्विस सेंटर, अंत्योदय केंद,्र अटल सेवा केंद्र व ई-दिशा केंद्र के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके लिए परिवार पहचान पत्र, मतदाता व राशन कार्ड की कॉपी, पशु चिकित्सक द्वारा जारी पशु स्वास्थ्य प्रमाण पत्र, बैंक डिटेल आदि मुहैया करवानी होगी।