पुलिस अधीक्षक मोहित हाण्डा ने पुलिस प्रवक्ता के माध्यम से बताया कि एडीजीपी श्रीकांत जाधब के निर्देश अनुसार सोमवार सुबह 10 से दोपहर 2 बजे तक जिला में सीलिंग प्लान चलाया गया। प्लान के तहत पूर्व में स्थाई नाके लगाए गए हैं। जिला के सभी डीएसपी, एसएचओ और दूसरे स्टाफ को अपने नाको की जानकारी होती है जैसे ही सीलिंग प्लान के आदेश हुए तो यह अधिकारी कर्मचारी अपने नाके पर तैनात हो कर जांच में लग गए। सीलिंग प्लान किसी भी आपात स्थिति से निपटने अपराध को अंजाम देकर भागने वाले अपराधी को पकड़ने व अपराधों की रोकथाम हेतु तुरंत कार्रवाई के लिए जिला पुलिस द्वारा किया जाता है।
सीलिंग प्लान के अनुसार जिला में कुल 32 नाकों पर 6 चेकिंग पार्टी ने जांच की व्यवस्था की गई थी। वहीं पुलिस अधीक्षक द्वारा किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए अपराध या अपराधी की सूचना मिलते ही तुरंत निर्धारित नाकों पर पहुंचने के निर्देश दिए गए थे। सोमवार को आयोजित इस योजना के तहत जिला पुलिस सुबह 10 से दोपहर 2 बजे तक कार्रवाई करती नजर आई। इन 4 घंटों में जिला पुलिस ने जिले भर में 1326 वाहनों को चेक किया। इसी दौरान 175 वाहनों के चालान भी काटे। इनमें से 7 वाहनों को इंपाउंड किया गया।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि यह अभियान जिला के आम नागरिकों की सुरक्षा, अपराधों की रोकथाम व किसी भी आपात स्थिति से निपटने को ध्यान में रखते हुए चलाया गया था। पुलिस की उपस्थिति से आम आदमी के मन में पुलिस व कानून के प्रति विश्वास बढ़ता है। कहीं ना कहीं सड़क पर होने वाला अपराध भी रुकता है।इसके अन्तर्गत सभी पर्यवेक्षण अधिकारियों, प्रबंधक थाना,पुलिस चौकी व अपराध यूनिट्स के इंचार्जओं को निर्देश दिए हैं कि वह भविष्य में सूचना मिलते ही अपने-अपने क्षेत्र में तुरंत प्रभाव से कार्रवाई करते हुए सीलिंग प्लान के अनुसार कार्य करें। जिससे अपराधों की रोकथाम की जा सके और अपराधियों को शीघ्र गिरफ्तार कर किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।