November 26, 2024
जाट आरक्षण आंदोलन की गूंज एक बार फिर हरियाणा में गूंजने वाली है। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति जाट आरक्षण को लेकर एक बार फिर से सक्रिय हो गई है। 10 दिसंबर को जसिया में छोटू राम धाम पर एक रैली का आयोजन कर आंदोलन की अगली रणनीति तय की जाएगी। इस संबंध में अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय संयोजक यशपाल मलिक ने आज रोहतक में प्रेस वार्ता की। यही नहीं भाजपा से संबंधों पर उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि 2016 का आरक्षण आंदोलन उन्होंने शुरू नहीं किया था और भाजपा से उनका कोई लेना देना नहीं है। राजकुमार सैनी भाजपा की कठपुतली था, जो आज उनके गले की फांस बना हुआ है।
यशपाल मलिक ने कहा कि अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति की नई कार्यकारिणी का गठन कर दिया गया है। प्रताप सिंह दहिया को राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वे खुद बतौर राष्ट्रीय संयोजक के काम करेंगे। उन्होंने कहा कि बहुत सी ऐसी डिमांड है जो जाट आरक्षण को लेकर सरकार ने नहीं मानी, जिसमें से जाट आंदोलन के दौरान बनाए गए मुकदमों को वापस लेना तथा बैकवर्ड क्लास में जाटों को आरक्षण देना प्रमुख है। अब नई कार्यकारिणी इन मांगों को लेकर के आंदोलन की रणनीति तैयार करेगी। जिसके लिए जसिया स्थित छोटू राम धाम में 10 दिसंबर को एक रैली का आयोजन किया गया है।
साथ ही उन्होंने 2016 आंदोलन के दौरान भाजपा से संबंध होने के आरोपों पर सफाई देते हुए कहा कि 2016 में जाट आरक्षण आंदोलन उन्होंने शुरू नहीं किया था और ना ही वह किसी भी बातचीत में मौजूद थे। यह बात तो उन लोगों से पूछ ही जानी चाहिए जो भाजपा के नेताओं के साथ लड्डू खाते थे और आंदोलन को चलाते थे। उनका भाजपा से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने तो चुनावों के दौरान भारतीय जनता पार्टी का विरोध किया है। राजकुमार सैनी जरूर भाजपा की कठपुतली था और जो आज उनके गले की फांस बना हुआ है।
जहां तक अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति को छोड़कर जाने वाले आंदोलनकारियों की बात है तो किसी भी आंदोलन के बाद नए संगठन बनना स्वाभाविक है। जो लोग आंदोलनकारी होते हैं वे आंदोलन के साथ जुड़े रहते हैं और जिनकी कुछ निजी व राजनीतिक मंशा होती है वह छोड़ कर चले जाते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *