जहां राज्य की सरकार एक तरफ पारदर्शिता के बड़े बड़े दावे करती है वही खुद सरकार के नुमाइंदे ही अपनी सरकार के पारदर्शिता के तमाम दावों की पोल खोलते हुए नजर आते हैं…
ऐसा ही एक मामला कैथल जिले से सामने आया है जहां पर विभाग के अधिकारियों द्वारा जानबुझकर 22 करोड़ रुपयों के गेहूं को खराब किया गया था..जिसपर अब भाजपा के मौजूदा विधायक लीलाराम ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए अपनी ही सरकार द्वारा इस मामले की दोबारा जांच करवाकर दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने की को सिरे से नकार दिया है..
लीलाराम ने अपने निवास स्थान पर प्रेस वार्ता के दौरान सरकार द्वारा इस मामले पर दोबारा उच्च स्तरीय जांच करवाकर दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने की बात पर यह दावा किया है कि इस मामले पर दोषी अधिकारीयों का कुछ नही बिगड़ेगा बल्कि ये भ्रष्ट अधिकारी ऊपर तक सेटिंग करके इस मामले में पाक साफ निकल जाएंगे…
वहीं दूसरी तरफ बतादें की कैथल में खराब हुए 22 करोड़ रूपए के गेहूं के मामले में कैथल डीसी द्वारा दोषी अधिकारियों को क्लीन चिट दे दी थी जिसको सरकार ने सिरे से नकार कर इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करने के आदेश जारी कर दिए हैं.. जिसमें एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के साथ अन्य दो अधिकारी शामिल होंगे जो 30 दिनों में इस मामले की जांच कर सरकार को रिपोर्ट करेंगे !
तो वहीं दूसरी ओर इस मामले पर अब कैथल के विधायक लीलाराम ने भी अपनी चुप्पी तोड़ ली है..सरकार द्वारा इस पूरे मामले की जांच करवाने पर लीलाराम ने कहा कि जिन दोषी अधिकारियों ने करोड़ों रुपए की गेहूं खराब की है उनका इस जांच में कुछ नहीं बिगड़ेगा क्योंकि यह भ्रष्ट अधिकारी हैं इनकी नीचे से लेकर ऊपर तक सेटिंग है इसीलिए उनका था दावा है की इस जांच में भी वह दोषी अधिकारी सरकार को करोड़ों का चूना लगाकर पाक साफ निकलेंगे…