पुलिस अधीक्षक मोहित हाण्डा ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि साईबर अपराधी अपराध करने के नए-नए तरीके अपना रहे हैं। हमारी थोड़ी सी लापरवाही का फायदा साईबर अपराधी उठा सकतें हैं। उन्होंने बताया कि आजकल अपराधी नकली एप्लीकेशन को डाउनलोड करने के लिए कहते हैं तो ऐसी किसी भी एप्लीकेशन को डाउनलोड ना करें जो संदेहजनक हो। इस तरह की एप्लीकेशन को डाउनलोड करने से आपके मोबाइल का सारा डाटा अपराधी के पास चला जाता है जिसके जरिये वो आपके साथ ठगी करता है। आमजन जागरुकता से ही साईबर अपराधियों के चंगुल में आने से बच सकते हैं। इसके बावजूद साइबर क्राइम के शिकार होते हैं तो तुरंत भारत सरकार द्वारा जारी साईबर क्राइम हैल्प लाईन नंबर 1930 पर काल करें। साथ ही बताया की साईबर धोखाधड़ी के मामलों में अपनी शिकायत नेशनल साईबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल https//www.cybercrime.gov.in पर या नजदीकी थाना/चौंकी में शिकाय़त दर्ज करवा सकते हैं। 1930 पर तुरन्त शिकायत करनें पर आपका पैसा सुरक्षित वापिस आ सकता है ।
साईबर फ्राड से बचने के लिए निम्न बातों का रखे ध्यान:
1. ऑनलाइन खरीदारी करते समय चैक करें वैबसाइट के यूआरएल में एचटीटीपीएस हो न की खाली एचटीटीपी ।
2. अगर कोई अपरिचित व्यक्ति किसी एप्लीकेशन को डाउनलोड करने के लिए कहता है तो एप्लीकेशन डाउनलोड ना करें। केवाईसी करने के नाम पर आपसे 1 या 10 रुपये आपके ही बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करने के लिए कहता है तो ऐसा न करें।
3. किसी भी व्यक्ति के साथ अपने बैंक डिटेल, एटीएम कार्ड नंबर, कार्ड की एक्सपायरी एवं कार्ड पर पीछे लिखे। डिजिट के सीवीवी नंबर को किसी के साथ शेयर ना करें।
4.ऑनलाइन नेट बैकिंग इस्तेमाल करते समय ध्यान रखें कि ट्रांजेक्शन हमेशा अपने पर्सनल कम्प्यूटर/लैपटॉप या फोन पर करें।
5. किसी अपरिचित नंबर से आपके पास फोन मैसेज या व्हाट्सएप मैसेज पर कोई लिंक या फोटो आए तो उस पर क्लिक ना करें।
6. किसी के कहने पर रिमोट एक्सेस ऐप जैसे Quick Support, Any Desk, Team Viower, Airdriod आदि को प्ले स्टोर से डाउनलोड न करें और ना ही इनके आई डी व पासवर्ड किसी से शेयर करें ।
7. गूगल पर सर्च किये गये कस्टमर केयर नम्बर का इस्तेमाल न करें, धोखा हो सकता है।