
एमबीबीएस स्टूडेंट्स के लिए बनाई गई बांड पॉलिसी के खिलाफ अब प्रदेशभर के सरकारी अस्पतालों में काम करने वाले चिकित्सक भी उतर आए हैं। प्रदेशभर के चिकित्सक काले बिल्ले लगाकर बॉन्ड पॉलिसी का विरोध कर रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि इस बांड पॉलिसी के लागू होने से प्रदेश के टॉपर विद्यार्थी दूसरे प्रदेशों का रुख कर रहे हैं। ऐसे में सरकार को यह पॉलिसी वापस लेनी चाहिए। नहीं तो आगे भी विरोध जारी रहेगा। चिकित्सकों ने रोहतक में एमबीबीएस स्टूडेंट्स पर लाठीचार्ज की भी घोर निंदा की है।
बहादुरगढ़ के सामान्य अस्पताल में कार्यरत डॉ उरेंद्र भारद्वाज का कहना है कि आज अस्पताल के तमाम चिकित्सक, लैब ऑपरेटर व अन्य स्टाफ काले बिल्ले लगाकर काम कर रहा है। मरीजों को भी चेक किया जा रहा है लेकिन सरकार की गलत नीति का विरोध भी जाहिर किया जा रहा है। उनका कहना है कि सरकार ने जो एमबीबीएस स्टूडेंट्स पर हर साल 10-10 लाख रुपए बांड भरने की पॉलिसी लागू की है।
यह सरासर गलत है। इस पॉलिसी के लागू होने से प्रदेश के टॉपर विद्यार्थी अन्य प्रदेशों के मेडिकल कॉलेजों में अपना एडमिशन ले रहे हैं। जिससे आने वाले समय में प्रदेश मैं प्रतिभावान चिकित्सकों की कमी देखने को मिलेगी। उन्होंने सरकार से इस पॉलिसी को जल्द से जल्द वापस लेने की मांग की है। साथ ही उन्होंने बताया कि प्रदेश की डॉक्टरों से जुड़ी यूनियन है इस संबंध में जिस प्रकार के भी निर्देश जारी करेंगे। बहादुरगढ़ सामान्य अस्पताल के सभी चिकित्सक इस पॉलिसी के विरोध में आगे भी प्रदर्शन करने को पूरी तरह से तैयार है।।
बहरहाल विरोध के बावजूद सरकार इस संबंध में झुकने को तैयार नहीं है, लेकिन अब देखना यह होगा कि आगे इस मामले में सरकार का क्या रुख रहता है।