पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस अधीक्षक मोहित हाण्डा के निर्देशानुसार साइबर जागरूकता माह के अंतर्गत थाना साइबर क्राइम की टीम ने जगाधरी बस स्टैंड वा सिविल हॉस्पिटल जगाधरी में जाकर साइबर जागरूकता अभियान चला आमजन को साइबर क्राइम के प्रति जागरूक किया व पेफलेट बांटे।
साइबर थाना के उप निरीक्षक नरेंद्र कुमार ने बस स्टैंड जगाधरी व सिविल हस्पताल में जाकर पेम्फलेट बांटे व आमजन को संबोधित करते हुए कहा कि हम सब जानते हैं कि पिछले कुछ समय से दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए ऑनलाइन की ओर आमजनों का रुझान बड़ा है जिसके कारण अपराधी साईबर धोखाधड़ी को अनेक माध्यमों से एक संगठित अपराध के रूप में अंजाम दे रहे हैं। हम सब साइबर अपराध के प्रति जागरूक हो अपने आप को साइबर ठगी से बचा सकते है। हमे निम्न सावधानियां बरतनी चाहिए :-
1. आपके बैंक से होने का दावा करने वाले अज्ञात नंबरों से आई कॉल का जवाब देते समय सतर्क रहें।
2. वित्तीय धोखाधड़ी का पता चलने पर तुरंत अपने बैंक की होमब्रांच को रिपोर्ट करें।
3. आगे वित्तीय नुकसान को रोकने के लिए अपने कार्ड को ब्लॉक करें।
4. हमेशा याद रखें, UPI पिन केवल भुगतान करने के लिए आवश्यक है, कोई भुगतान प्राप्त करने के लिए आवश्यक नहीं है।
5. भुगतान शुरू करने से पहले हमेशा यूपीआई एप्लिकेशन में मोबाइल नंबर सत्यापित करें।
6. गोपनीय जानकारी/विवरण मांगने वाले बैंकों की ओर से बोलने का दावा करने वाले अज्ञात कॉलर्स पर भरोसा न करें। बैंक फोन पर इस तरह की जानकारी नहीं मांगते।
7. डिजिटल दुनिया में अजनबियों पर आसानी से भरोसा न करें, और अनजान नंबरों से कॉल का जवाब देते समय सतर्क रहें।
8. किसी पर भी भरोसा करने से पहले किसी भी मुद्दे के बारे में हमेशा अपने रिलेशनशिप मैनेजर या बैंक शाखा से क्रॉस-चेक करें।
9. ओटीपी आपके सुरक्षित धन की कुंजी की तरह है, इसलिए इसे धोखेबाजों से हमेशा दूर रखें।
10. एटीएम मशीनों में कोई भी लेनदेन शुरू करने से पहले, सुनिश्चित करें कि एटीएम मशीन में एटीएम डालने की जगह कोई ओर डिवाइस तो मौजूद नहीं हैं। धोखेबाजों द्वारा स्किमिंग उपकरणों को कार्ड इंसर्शन स्लॉट के साथ ओवरलैप करके छिपा दिया जाता है।
11. कार्ड क्लोनिंग की घटना के 3 दिनों के भीतर बैंक को धोखाधड़ी की रिपोर्ट करें। सभी लेनदेन को सत्यापित करने के लिए अपने लेनदेन ट्रांजेक्शन की बार-बार जांच करें।
12. कोई भी ऑफर मिलने पर संबंधित संस्था की आधिकारिक वेबसाइट पर ऑफ़र की प्रामाणिकता को सत्यापित करें।
13. अपने मोबाइल फोन में एंटीवायरस/स्पैम ब्लॉकिंग सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करें।
14. अज्ञात कॉल करने वालों पर विश्वास करने के बजाय संदेह कर अपने दूरसंचार सेवा प्रदाता के साथ सिम कार्ड की स्थिति सत्यापित करें।
थाना प्रबंधक ने कहा कि सावधानी बरतने के बाद भी अगर आपके साथ साइबर अपराध हो जाता है तो तुरंत प्रभाव से साइबर क्राइम हेल्प लाइन नंबर 1930 पर काल करे। साथ ही साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल https://cybercrime.gov.in व नजदीकी पुलिस थाना में शिकायत दे।