November 24, 2024
manoharLAL khattar AICTE

हरियाणा में फर्जी गेटपास के जरिये बासमती धान को गैर बासमती (पीआर) दिखाकर सरकार को चूना लगा रहे चावल मिलर्स से सरकार अब सख्ती से निपटेगी। खाद्य आपूर्ति विभाग और भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) के अधिकारियों की संयुक्त टीमें जहां सभी चावल मिलों में जाकर स्टाक का भौतिक सत्यापन करेंगी, वहीं सीएमआर (कस्टम मिलिंग राइस) डिलीवरी के दौरान मिलों के बिजली मीटर की रीडिंग की भी जांच की जाएगी।

इससे आसानी से पता चल जाएगा कि वास्तव में मिल में धान से चावल निकाला गया है या फिर दूसरे प्रदेशों से चावल लाकर एफसीआइ को चपत लगाई गई।

प्रदेश में इस बार करीब 13.19 लाख हेक्टेयर में धान बोया गया था। केंद्रीय पूल के लिए 55 लाख टन धान की खरीद का लक्ष्य रखा गया है, जबकि 48.50 लाख टन धान अनाज मंडियों में पहुंच चुका है। यह पिछले साल की समान अवधि की तुलना में करीब 10 लाख टन ज्यादा है।

वह भी तब, जबकि पिछले दिनों हुई बेमौसमी बारिश से धान की फसल को खासा नुकसान हुआ है। खासकर करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल, अंबाला और यमुनानगर में धान की खरीद पूरे सीजन के अनुमानित लक्ष्य के करीब पहुंच गई है।

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