स्वतंत्रता सैनानी स्व.श्री मुंशी राम मलिक की पत्नी आशा मलिक का 86 वर्ष की आयु में 21 अक्तूबर 2020 को स्वर्गवास हो गया था जिनका अंतिम संस्कार आज 22 अक्तूबर को दोपहर 11 बजे स्थानीय शमशान घाट यमुनानगर में हरियाणा पुलिस द्वारा गॉड आफ ऑनर का सम्मान देकर किया गया। इस अवसर पर जिला प्रशासन की ओर से जगाधरी के एसडीएम सुशील कुमार ने पुष्प चक्र अर्पित किया।
स्व. आशा मलिक के पति मुंशी राम मलिक छोटी आयु से ही अंग्रेजी शासन के विरूद्घ स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े व सरदार भगत सिंह के सक्रिय सहयोगी के रूप में काम किया। उन्हें लाहौर बंब कांड में दोषी पाया गया और 7 वर्ष के कठोर परिश्रम की सजा दी गई जिसमें से उन्हें 3 वर्ष तक लाहौर फोर्ट में कट्टïर आंतकवादी के रूप में व 4 वर्ष मुल्तान जेल में रखा गया। जब सरदार भगत सिंह को फांसी दी गई तो वह उसी जेल में बंद थे जहां सरदार भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव को फांसी दी गई थी। जेल में दी गई यातानाओं के फलस्वरूप वह छोटी उम्र में वर्ष 1963 में स्वर्ग सिधार गए थे।
स्व. श्री मती आशा मलिक ने अपने जीवन की इस चुनौती का सामना बड़ी हिम्मत व दृढ़ इच्छाशक्ति से किया। उनके बड़े बेटे पंकज मलिक, मझले बेटे स्व. मेजर नीरज मलिक जिन्होंने वर्ष 1998 में देश की रक्षा के लिए नागालैण्ड में अपने प्राणों की आहुति दी। छोटे पुत्र स्व. राजीव मलिक जिनका बीमारी की वजह से 2020 में देहांत हो गया था। अपने पोते अंकित मलिक को फौज में जाने के लिए प्रेरित किया।