कृषि अधिकारियों को निर्देश दिए कि जो व्यक्ति फसल अवशेषों का प्रबंधन नही करते, बल्कि अवशेषों को खेतों में जलाते है, उनकी सरकारी सुविधाएं रोक ली जाएगी तथा शस्त्र लाईसैंस को रद्द किया जाएगा और आगे ऐसा करने वाले किसी भी व्यक्ति का नया शस्त्र लाईसैंस नही बनाया जाएगा।
मुख्य सचिव संजीव कौशल ने फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर विडियो कांफ्रैंसिंग के माध्यम से अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए और कहा कि किसी भी जिले में खेतों में अवशेष न जले, इस पर विशेष ध्यान दें। किसानों को इसके नुकसान के बारे में जानकारी दे। उन्होंने सभी उपायुक्तों को कहा कि पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष इस विषय पर बेहतर कार्य हुआ है और आने वाले समय में इस पर निगाह रखे।
अधिकारियों को निर्देश दिए कि कुछ किसान अपने खेतों में भी फसल कटने के बाद अवशेष जला देते है जो कि गलत है। इससे प्रदूषण को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह किसानों को प्रेरित करें और बेलर के माध्यम से अवशेषों को प्रबंधन करवाए। जिस गांव में अधिक धान की कटाई शेष है वहां पर नजर रखे। उन्होंनेे कहा कि किसी भी कीमत पर जिले में खेतों में आगजनी नही होनी चाहिए। यदि कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जाए और उसकी सरकारी सेवाएं रोकने के लिए नोटिस दिया जाए।
उन्होंने जिला के किसानों से भी अपील की है कि वे फसल अवशेषों का समुचित प्रबंधन करने के लिए आधुनिक कृषि यंत्रों का उपयोग करें, कहीं पर भी खेतों में फसल अवशेष न जलाएं, सरकार द्वारा कृषि यंत्रों पर किसानों को अनुदान उपलब्ध करवाया जा रहा है। उन्होंने अपील की है कि किसान पर्यावरण एवं स्वास्थ्य हित में अपना फर्ज एवं दायित्व निभाते हुए पराली को खेतों में आग न लगाने का संकल्प लें। उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण से सांस, फेफड़ों से संबंधित बीमारियों के अलावा अस्थमा व कैंसर जैसी बिमारियां फैल रहीं हैं।