November 24, 2024
हरियाणा सरकार में शिक्षा, वन व पर्यटन मंत्री कंवरपाल ने अपने जगाधरी कार्यालय में विभिन्न गांवों से आए हुए लोगों को बताया कि बीते 8 वर्षों में जहां भाजपा मोदी सरकार ने देश में विकास का एक नया मॉडल खड़ा किया है, वहीं पर स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने के लिए भी 200 से ज्यादा नए मेडिकल कॉलेज देश में बनाए गए हैं। भाजपा की सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर बनाने के लिए 6 मोर्चों पर एक साथ काम कर रही है।
पहला प्रिवेंटिव हेल्थ केयर को बढ़ावा देना , दूसरा गांव-गांव में छोटे और आधुनिक अस्पताल खोलना, तीसरा शहरों में मेडिकल कॉलेज और मेडिकल रिसर्च वाले बड़े संस्थान खोलना, चौथा देशभर में डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की संख्या में वृद्धि, पांचवा मरीजों को सस्ती दवाइयां, सस्ते उपकरण उपलब्ध कराना, छठा टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके मरीजों को होने वाली मुश्किलों को कम करना। उन्होंने कहा कि केंद्र भाजपा सरकार देश के हर जिले में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज के लक्ष्य पर काम कर रही है।
हेल्थ इन्फ्राट्रक्चर मिशन के तहत आयुष्मान भारत योजना 64 हजार करोड़ रुपए की लागत से जिला स्तर पर आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं का निर्माण कर रही है। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले देश में केवल 7 एम्स थे, लेकिन अब यह संख्या 21 हो गई है। भाजपा मोदी सरकार ने देश भर में लगभग 40 विशिष्ट कैंसर संस्थानों को मंजूरी दी है, जिनमें से कई अस्पतालों ने पहले ही सेवाएं प्रदान करना शुरू कर दिया है।
शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने कहा कि अस्पताल बनाना जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी पर्याप्त संख्या में अच्छे डॉक्टरों का होना व दूसरे पैरामेडिकल स्टाफ का उपलब्ध होना भी है। उन्होंने कहा कि इसके लिए भी देश में मिशन मोड पर काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 2014 से पहले देश में 400 से भी कम मेडिकल कॉलेज थे, यानी 70 साल में 400 से भी कम मेडिकल कॉलेज वहीं, बीते 8 साल में 200 से ज्यादा नए मेडिकल कॉलेज देश में बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि सरकार ने 5 लाख से अधिक आयुष डॉक्टरों को एलोपैथिक डॉक्टरों के समान मान्यता दी है और इससे भारत में डॉक्टर और रोगी के अनुपात में सुधार लाने में मदद मिली है।
आयुष्मान भारत में गरीबों को 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मुहैया कराया जाता है और इसके परिणाम स्वरूप अब तक 3.5 करोड़ मरीजों का इलाज हो चुका है। उन्होंने कहा कि 3.5 करोड़ रोगियों में से कई कैंसर जैसी घातक बीमारी से ग्रस्त थे। आयुष्मान भारत योजना से मरीजों के करीब 40 हजार करोड़ रुपए की बचत हुई है। उन्होंने कहा कि कैंसर के इलाज के लिए 500 से अधिक दवाओं की कीमत में 90 प्रतिशत तक की कमी देखी गई है, जिससे 1000 करोड़ रुपए की बचत हुई है ।

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