हरियाणा के अंबाला की सेंट्रल जेल हमेशा से विवादों में रही है , भले ही इस जेल में बाबा राम रहीम की दत्तक पुत्री हनीप्रीत को वीआईपी ट्रीटमेंट देने का मामला हो , या जेल में चल रही ड्रग पार्टी का मामला , अंबाला सेंट्रल जेल और विवादों का चोली दामन का साथ है। सरकार ने भले ही जेल की दीवारें कितनी भी ऊंची बना दी हों लेकिन ये दीवारें जेल में बंद कैदियों के रसूक के आगे पानी भर्ती हैं।
जेल अधिकारी भले ही जेल मैन्युअल को लागू करने में कितनी ही सख्ती की बात कहें , लेकिन जेल अधिकारियों की इस सख्ती के चक्रव्यू को जेल में बंद ऐसे तोड़ देते हैं मानों मिट्टी का किला हो। अंबाला सेन्ट्रल जेल हरियाणा की सबसे सेंसटिव जेल है यहाँ जेल से कुछ ही दूरी पर वायुसेना का बहुत बड़ा बेडा है
दूसरी तरफ जिले के तमाम अधिकारियों और न्यायधीशों के निवास स्थान हैं , इस सब के बावजूद अंबाला की सेन्ट्रल जेल में कैदी मौज की जिंदगी जीते हैं , जेल में ही बैठ कर मनचाहे व्यक्ति से बात करते हैं , यहाँ मोबाइल मिलना आम बात है। बीते एक साल में 62 मोबाइल मिलना यहाँ के अधिकारियों की तत्परता और कर्तव्यनिष्ठा को दर्शाता है। अंबाला शहर के थाना बलदेव नगर में बीते 09 माह में 62 मोबाइल मिलने के मामले दर्ज हो चुके हैं।