November 24, 2024
हरियाणा के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि उत्तर भारत की पहली राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) की शाखा जल्द अम्बाला छावनी के नग्गल में स्थापित होगी। राष्ट्रीय स्तर की इस शाखा में कई गंभीर, नए रोग, वायरस इत्यादि की जांच होगी और उनके आंकड़ों का विश्लेषण हो सकेगा।
स्वास्थ्य मंत्री श्री विज आज अंबाला में एनसीडीसी शाखा की स्थापना के लिए आयोजित बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि शाखा को स्थापित करने के लिए जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए और जो कार्य किए जाने हैं उन्हें पूरा किया जाए।
बैठक में दिल्ली से आए केंद्रीय स्वास्थ्य सेवा के महानिदेशक एवं एनसीडीसी निदेशक डा. अतुल गोयल के अलावा, एनसीडीसी के प्रिंसिपल कंसल्टेंट डा. सुनील गुप्ता, केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग की सीनियर रीजनल डायरेटर डा. अमरजीत कौर, सीनियर आर्किटेक्ट राजीव कन्नौजिया, एनसीडीसी की ज्वाइंट डायरेक्टर डा. शिखा वर्धन, हरियाणा स्वास्थ्य विभाग की महानिदेशक डा. सोनिया त्रिखा खुल्लर, सीएमओ अम्बाला डा. कुलदीप सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। वहीं, बैठक से पहले अधिकारियों की टीम ने नग्गल में साइट का निरीक्षण किया और विचार-विमर्श किया।
*’दिल्ली में होते थे अब तक आधुनिक टेस्ट, अब अम्बाला में होंगे – अनिल विज’*
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बताया अब तक इस प्रकार के टेस्ट केवल दिल्ली स्थित एनसीडीसी में होते थे, मगर अब अम्बाला में इसके स्थापित होने से अम्बाला उत्तर भारत का प्रमुख जांच केंद्र बन जाएगा। इससे समय की बचत भी होगा। समूचे उत्तर भारत से गंभीर एवं नई बीमारियों के सेंपल अम्बाला स्थित लैब में चौक किए जाएंगे और जीवाणुओं पर रिसर्च भी यहीं पर की जाएगी। इसके बाद जांच में जो नतीजे आएंगे उसी हिसाब से ईलाज का परामर्श स्वास्थ्य विभागों को दिया जाएगा। शाखा द्वारा विभिन्न वैक्सीन, दवाइयों व अन्य नैदानिक किट की उपलब्धता के लिए भी कार्य करेगा।
*’कुछ ही माह में एनसीडीसी शाखा अपना कार्य करना शुरू कर देगी – डा. अतुल गोयल’*
केंद्रीय स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक एवं एनसीडीसी के निदेशक डा. अतुल गोयल ने बताया कि आगामी कुछ ही माह में एनसीडीसी की शाखा को अम्बाला छावनी में संचालित कर दिया जाएगा। प्रारंभिक चरण में पुराने भवन में ही शाखा को संचालित जाएगा। इसके साथ-साथ नई एवं आधुनिक बिल्डिंग का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा जिसे आगामी कुछ वर्षों में पूरा किया जाएगा।
डा. गोयल ने बताया कि जिस साइट पर एनसीडीसी को स्थापित किया जाना है उसका निरीक्षण आज दिल्ली से आई टीम ने किया है। साइट पर एक पुराना भवन है जिसकी मरम्मत कर तीन से छह माह में शाखा को आरंभ कर दिया जाएगा।
उन्होंने बताया एनसीडीसी शाखा में किसी भी बीमारी की मॉनिटरिंग और सर्विलेंस इसी शाखा में होगी। डाटा कलेक्शन, एपेडेमिक सर्विलेंस, टेस्टिंग सुविधा इसी शाखा में होगी। उन्हांेने बताया कि शाखा यहां पर स्थापित होने से एनआईवी पुणे (नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ वीरोलॉजी) पर भी हमें निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। अम्बाला में यह शाखा उत्तर भारत की पहली शाखा होगी और इस शाखा में हरियाणा के अलावा, पंजाब, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश से नमूनों (सेंपलों) की जांच एवं विश्लेषण का कार्य किया जाएगा।
*’स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के प्रयासों की वजह से हो रही स्थापना – डा. अतुल गोयल’*
डा. अतुल गोयल ने बताया कि कोई भी काम तभी आगे चलता है जब सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण व्यक्ति भी इसमें अपनी पूरी दिलचस्पी दिखाए। हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने इस प्रोजेक्ट में पूरी दिलचस्पी दिखाई जा रही है और उन्हीं के प्रयासों से यह शाखा बन पा रही है और अब जल्द इस कार्य को पूरा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि एनडीसी शाखा बीमारियों की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इस शाखा में रिसर्च कार्य के बाद बीमारियों की रोकथाम के लिए आगे दिशा-निर्देश जारी किए जा सकेंगे।
*’नग्गल में 4 एकड़ जमीन पर बननी है एनसीडीसी शाखा’*
गौरतलब है कि अम्बाला छावनी के नग्गल क्षेत्र में 4 एकड़ 11 मरले जमीन पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा एनसीडीसी शाखा को स्थापित किया जा रहा है और 20 करोड़ रुपए की लागत से पहले चरण में एनसीडीसी की शाखा के लिए 4 मंजिला बिल्डिंग बनेगी, इसके बाद द्वितीय चरण में यहां आधुनिक उपकरणों से लैस लैब स्थापित होगी।
*’जीनोम सिक्वेंसिंग हो एनसीडीसी शाखा में रू अनिल विज’*
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर की एनसीडीसी शाखा में कई गंभीर, नए रोग एवं वायरस की जांच होगी और उनके आंकड़ों का विश्लेषण होगा। लैब में वायरस को जानने के लिए जीनोम सिक्वेसिंग होगी सकेगी। इसके अलावा लैब में नीपा वायरस, जीका वायरस, रैबीज, जूनाटिक रोग, कोविड-19, ओमीक्रॉन, हेपाटाइटिस के अलावा अन्य गंभीर वायरस की जांच और सभी प्रकार के नए टेस्ट भी होंगे। इससे बीमारियों की जल्द पहचान एवं उनके निदान में महत्वपूर्ण भूमिका अदा हो सकेगी।

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