लंपी वायरस से मर रही गायों की सुध नहीं लिए जाने पर गोसेवक एवं जेबीटी शिक्षक मनोज आर्य ने दशहरा के दिन अपने प्राण त्यागने की चेतावनी प्रशासन को दी है। वायरल विडियो व पत्र में गोसवक ने कहा कि गोवंश की दशा नहीं सुधरी तो लघु सचिवालय परिसर में ही दशहरे के दिन आत्मदाह कर लेगा। वहीं, इसे लेकर दादरी के लघु सचिवालय परिसर में आत्मदाह की चेतावनी देने वाले गोसेवक की पत्नी व बेटा के साथ गोसेवकों ने धरना देते हुए भूख हड़ताल शुरू कर दी है। गोसवकों ने धरने पर प्रदर्शन करते हुए सरकार व प्रशासन से गायों की सुध लिए जाने की मांग की। इस दौरान गोसेवकों ने अल्टीमेटम दिया कि सरकार ने जल्द संज्ञान नहीं लिया तो एक नहीं बल्कि अनेक गोसेवक आत्मदाह करने पर मजबूर होंगे।
गोसेवक मनोज आर्य ने गायों में लंपी बीमारी से निजात दिलाने के लिए प्रशासन व सरकार से गुहार लगाई है। जिसको लेकर गोसेवक मनोज आर्य ने सोशल मीडिया पर पत्र और विडियो जारी करते हुए कहा कि अगर प्रशासन व सरकार ने गायों की सुध नहीं ली तो वह दशहरा के दिन दोपहर 12 बजे लघु सचिवालय में अपने प्राण त्याग देगा। इसके लिए उसे इच्छामृत्यु की जरूरत नहीं है। वह गो भक्त होने के नाते यह कदम उठाने को विवश होने जा रहा है। मनोज आर्य ने बताया कि उसने गोचर भूमि की मांग के लिए भी कई दिनों तक संघर्ष किया था। अब लंपी वायरस से गायों के बचाव के लिए वह फैसला ले रहा है।
मनोज आर्य की पत्नी अंजू आर्य ने अपना बेटा व गोसवकों के साथ लघु सचिवालय परिसर में धरना देते हुए सांकेतिक भूख हड़ताल शुरू कर दी है। प्रदर्शन कर रहे गोसवकों की प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि गायों के लिए आइसोलेेशन बनाया जाए। हेल्पलाइन की व्यवस्था की जाए। बीमार गायों के लिए एंबुलेंस की सुविधा हो। पशुपालन विभाग की टीमें गठित होनी चाहिए ताकि समय रहते गायों का उपचार हो सके। गोवकों ने प्रशासन व सरकार की कार्यप्रणाली के प्रति गहरी नाराजगी प्रकट की। अंजू आर्य, एडवोकेट संजीव तक्षक व कृष्ण फौगाट ने कहा कि सरकार व विभाग करोड़ों रुपये की योजनाएं शुरू करने का दावा करती हैं लेकिन गायों की सुध नहीं ली जा रही है। अब तो एक गोसेवक ने आत्मदाह की चेतावनी दी है अगर जल्द समाधान नहीं हुआ तो अन्य गोसेवक भी आत्मदाह करने पर मजबूर होंगे।