November 24, 2024
अपने आप को जिंदा साबित करने के लिए 102 साल के बुजुर्ग को बैंड बाजे के साथ बारात निकालने पड़ी। क्योंकि सरकारी रिकॉर्ड में उसे मुर्दा घोषित कर दिया गया है और पिछले 6 महीने से उसकी बुढ़ापा पेंशन बंद है। जब बुजुर्ग शहर में से अपनी बारात लेकर निकला तो लोग देखते ही रह गए।
अपनी बारात लेकर बुजुर्ग रोहतक के कैनाल रेस्ट हाउस पहुंचा जहां पर हरियाणा के पूर्व सहकारिता राज्य मंत्री व भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मनीष ग्रोवर मौजूद थे। बुजुर्ग की समस्या को देखते हुए मनीष ग्रोवर इधर-उधर अधिकारियों को फोन मिलाते हुए नजर आए और आखिर अधिकारी रेस्ट हाउस में ही बुजुर्ग की समस्या का समाधान करने के लिए दौड़ते हुए पहुंच गए।
रोहतक जिले के गांधरा गांव का रहने वाले दुलीचंद जिनकी उम्र 102 साल है जो बुढ़ापा पेंशन ले रहे थे। लेकिन अचानक अप्रैल माह में उनकी बुढ़ापा पेंशन बंद हो गई। बुजुर्ग के परिवार वाले जब इसका कारण जानने पहुंचे तो हैरान हो गए। क्योंकि दुलीचंद की पेंशन उनकी मौत की वजह से बंद हुई थी। 6 महीने तक परिवार के लोग अधिकारियों और कर्मचारियों के चक्कर काटते रहे लेकिन समाधान नहीं हुआ।
जिसके बाद परिवार के लोग समाजसेवी नवीन जयहिंद के पास पहुंचे और अपनी समस्या उनके सामने रखी। आखिर बुजुर्ग को जिंदा साबित करने के लिए रथ व बैंड बाजे के साथ नाचते गाते बारात निकाली गई। ताकि अधिकारियों और सरकार के लोगों तक यह बात पहुंच सके कि बुजुर्ग पेंशन को लेकर कितने परेशान है।
जैसे ही बुजुर्ग दुलीचंद रथ पर सवार होकर निकले और आगे बैंड बाजे के साथ युवक नाचते हुए अपना विरोध दर्ज करा रहे थे। हाथों में पोस्टर बैनर थे कि दुलीचंद अभी जिंदा है। अधिकारियों के कार्यालय पर जाने की कोशिश की गई तो गेट बंद कर दिए गए। आखिर सभी लोग कैनाल रेस्ट हाउस में पहुंचे जहां पर पूर्व सहकारिता राज्य मंत्री और बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष मनीष ग्रोवर मौजूद थे।
उनके सामने जब समस्या रखी तो वे इधर-उधर अधिकारियों को फोन खड़काते नजर आए और आखिर अतिरिक्त जिला उपायुक्त महेंद्रपाल मौके पर पहुंचे और पूरी समस्या सुनी और कहा कि इस मामले में जांच करा कर जल्दी बुजुर्ग की पेंशन चालू कराई जाएगी और जो भी कर्मचारी इस मामले में दोषी है उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व सहकारिता राज्य मंत्री मनीष ग्रोवर ने भी कहा कि कहां पर खामियां रही है जांच करवाएंगे और जो भी अधिकारी या कर्मचारी इस मामले में दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और वह बुजुर्गों का सम्मान करते हैं और जल्द ही दुलीचंद की पेंशन शुरू करा दी जाएगी।

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