हरियाणा सरकार ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में आजादी अमृत महोत्सव के तहत राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए देसी गाय की खरीद पर 25 हजार रुपए तक अनुदान देने और जीवामृत का घोल तैयार करने के लिए चार बड़े ड्रम किसानों को नि:शुल्क उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। सरकार की इस योजना से किसानों को प्राकृतिक खेती के साथ-साथ स्वदेशी गाय खरीदने में मदद मिलेगी।
देश में हरियाणा पहला राज्य होगा, जहां प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए इस तरह की पहल की गई है। प्राकृतिक खेती का मूल उद्देश्य खान-पान को बदलना है। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक खेती का प्रदर्शन प्लांट लगाने वाले किसानों के लिए पोर्टल बनाया जाएगा।
इस पर जमीन की पूरी जानकारी देने के साथ-साथ किसान स्वेच्छा से फसल विविधीकरण अपनाने के बारे में जानकारी देंगे। इस प्रकार विभाग के पास पूरी जानकारी होगी तो उसकी आसानी से मॉनिटरिंग की जा सकेगी।
क्या है प्राकृतिक खेती-
प्राकृतिक खेती के तहत किसी भी तरीके के कृषि रसायन या उर्वरक का प्रयोग नहीं किया जाता है, बल्कि इसकी पूरी प्रक्रिया प्राकृतिक संसाधनों पर ही निर्भर करती है। सरकार द्वारा प्राकृतिक खेती को प्रदेशभर में प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने पंजीकृत गोशालाओं को सस्ती दरों पर चारा मुहैया करवाने के लिए हरा चारा बिजाई योजना शुरू की है।
इस योजना के अंतर्गत जो भी किसान गौशाला के आस-पास चारा उगाएगा उसे हरियाणा सरकार की ओर से प्रति एकड़ दस हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी जो यह आर्थिक सहायता अधिकतम एक लाख रुपए है।