November 24, 2024

हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि बिना गुरू के, बिना शिक्षक के ज्ञान पाना और आगे बढऩा बहुत कठिन हैं। समाज कैसा बने, देश कैसा बने इसका निर्माण अध्यापक करता हैं। आज हम जहां पर भी खड़े हैं और हमारा देश जिन उचाईयों को छु रहा है उन उंचाईयों तक ले जाने का काम अध्यापक करता हैं। यह अभिव्यक्ति उन्होंने रविवार को एसडी कॉलेज अम्बाला छावनी में रोटरी कल्ब अम्बाला सैन्ट्रल व इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ फैंशन आर्ट द्वारा सयुक्त रूप से आयोजित हुनरमान शिक्षक पुरस्कार समारोह में बतौर मुख्य अतिथि अपने सम्बोधन में कही। इस मौके पर गृह मंत्री ने रोटरी कल्ब अम्बाला सैन्ट्रल की गतिविधियों के लिए 10 लाख रूपए की तथा कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति देने वाले विद्यार्थियों को प्रोत्साहन के रूप में एक लाख रूपए की राशि देने की घोषणा की।

गृह मंत्री ने इस मौके पर अभिनव भारत के शिक्षकों, अध्यापकों व अध्यापिकाओं को नमन करते हुए कहा कि टीचर ही हमें सिखाता हैं, हमें ज्ञान देता हैं और हमारी सभ्यता कैसी हो, व्यवहार कैसा हो, हमारा लोगों के साथ मिलना-जुलना कैसा हो टीचर ही सिखाता हैं। टीचर ही अपने विद्यार्थियों को आगे बढऩे और आने वाली चुनौतियों से लडऩे के लिए तैयार करता हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी बड़े से बड़ा डाक्टर हो, इंजीनियर हो, राजनेता हो, उसका निर्माण टीचर ही करता हैं। समाज से देश बनता हैं। समाज कैसा हो, किन कुरूतियों से जुझना है, लडऩा हैं, उस बारे भी टीचर ही सिखाता हैं।

पहले हमारे यहां पर शिक्षा का सिस्टम गुरूकुल था, गुरू ज्ञान के साथ-साथ संस्कृति भी सिखाता था। हम कई वर्षो तक गुलाम रहें और हमारे शासक नहीं चाहते थे कि हम अपने पांव पर खड़े हो सकें। उन्होनें बड़ी ही चतुराई से शिक्षा को ज्ञान से अलग कर दिया। उन्होंने शिक्षा तो दी लेकिन ज्ञान को अलग कर दिया। आज जो सम्बधं टीचर और विद्यार्थी में होने चाहिए उसमें गैप आ गया हैं, उस गैप को भरने की आवश्यकता हैं। विद्यार्थियों को सम्पूर्ण ज्ञान देने की आवश्यकता हैं।
गृह मंत्री ने इस मौके पर यह भी कहा कि 5 सितम्बर को डॉ0 सर्वपल्ली राधा कृष्ण के जन्म दिवस के मौके पर शिक्षक दिवस को मनाने का काम किया जाता हैं।

डॉ0 सर्वपल्ली राजनेता, शिक्षक और मार्गदर्शक भी थे। उनका देश में बहुत ही आदर के साथ नाम लिया जाता हैं।   05 सितम्बर को सारे देश में शिक्षक दिवस मनाया जाता हैं। लगभग 90 के करीब देशों में अलग अलग तारीकों में शिक्षक दिवस को महापुरूषों के रूप में मनाने का काम किया जाता हैं। शिक्षक दिवस को मनाने का मकसद यहीं है कि समाज में शिक्षक का क्या योगदान हैं, इस तरफ लोगों का ध्यान आकर्षित करना हैं। समाज में शिक्षक का जो महत्वपूर्ण योगदान है उस बारे उन्हें अवगत करवाना हैं। उन्होंने कहा कि यदि कोई भी पवित्र प्रोफैशन है तो वह शिक्षा हैं और शिक्षक देवता हैं। उन्होनें कहा कि हर चीज हमें कुछ न कुछ सिखाती है।

व्यक्ति को हर वक्त ज्ञान लेने की लालसा होनी चाहिए। रोटरी कल्ब अम्बाला सैन्ट्रल समाज हित के लिए जो कार्य कर रहा है वे काफी सराहनीय हैं। पिछले दिनों उन्होंने रोटरी कल्ब अम्बाला सैन्ट्रल के एक कार्यक्रम में उनके समक्ष साधारण सुझाव रखते हुए वर्ष 2025 तक भारत को टीबी मुक्त तथा अनीमिया मुक्त भारत हो इसके लिए बात कहीं थी। उन्हें अच्छा लगा कि रोटरी कल्ब अम्बाला सैन्ट्रल ने उनकी साधारण बात को मानते हुए उसे अपना लक्ष्य बना लिया हैं और इसके लिए वे कार्य भी कर रहें हैं। सेवा का जो मूल भाव है उसके तहत समाज सेवा के क्षेत्र में भी आगे कार्य करते रहें।

इस मौके पर रोटरी कल्ब अम्बाला सैन्ट्रल के प्रधान भूपिन्द्र ऑबराय ने कल्ब की ओर से मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए कल्ब द्वारा की जा रही गतिविधियों व आगामी किए जाने वाले कार्यो बारे विस्तार से जानकारी दी। रोटरी कल्ब के अध्यक्ष भूपिन्द्र ऑबराय, सचिव सुनिल दत्त, इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ फैंशन आर्ट के निदेशक अमनप्रीत कौर, पूर्व प्रधान पुनीत बत्तरा, रोटेरियन वीके शर्मा, रोटेरियन सुनिता शर्मा व अन्य पदाधिकारीयों ने मुख्यअतिथि को स्मृति चिन्ह देकर उनका अभिन्नदन किया।

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