पशुओं में लम्पी स्किन बीमारी की रोकथाम के लिए वीरवार को निगमायुक्त आयुष सिन्हा ने पशुपालन विभाग व निगम अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में निगमायुक्त ने सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को लम्पी स्किन बीमारी को लेकर पूरी तरह तैयार रहने के निर्देश दिए। निगमायुक्त आयुष सिन्हा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि लम्पी स्किन बीमारी से मरने वाले पशुओं का साथ के साथ निपटान किया जाए। इसके लिए अधिकारी व कर्मचारी पूरी तरह तैयार रहे। पहले से दस गड्ढे खोदकर तैयार रखें। ताकि मृत पशु आने पर गड्ढे में उसे दफनाया जा सके। इसके अलावा अधिकारियों का एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाए, जिसमें लम्पी स्किन बीमारी से संबंधित विभागों के अधिकारियों, कर्मचारियों व मृत पशुओं को उठाने वाले ठेकेदारों को जोड़ा जाए। ग्रुप में लंपी बीमारी से मरने वाले पशु की सूचना तुरंत डाले।
इसके बाद मृत पशु का तुरंत उठान कर उसे दफनाया जाए। बीमारी की चपेट में आए पशुओं को अलग रखने के लिए एक स्थान निर्धारित किया जाए। ताकि बीमार पशुओं को वहां पर रखा जाएगा। वहीं, उनकी देखरेख के लिए एनजीओ व गोशाला से संपर्क करने के निर्देश दिए। बैठक के दौरान निगमायुक्त सिन्हा ने पशुपालन विभाग के उप निदेशक डॉ. प्रेम सिंह से बीमारी की चपेट में आए पशुओं व वैक्सीन की डोज लगाने की जानकारी ली। डॉ. प्रेम सिंह ने बताया कि लगभग 5000 पशुओं को लम्पी स्किन बीमारी से बचाव के लिए वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। यह कार्य लगातार जारी है। पशुपालकों को बीमारी से बचाव के लिए निरंतर जागरूक किया जा रहा है। जिले में रोजाना औसतन 10 से 15 पशुओं की मौत हो रही है। निगम क्षेत्र में इनकी संख्या पांच से छह पशु रोजाना है। बीमारी से मरने वालों पशुओं की संख्या में आगे बढोतरी होने की संभावना है।
इसपर रोक लगाने के लिए वह हर संभव प्रयास कर रहे है। बीमार पशु को जोहड़, तालाब या बाहर दूसरे पशुओं के साथ ले जाने पर भी प्रतिबंध लगाया हुआ है। उन्होंने बताया कि लम्पी बीमारी की रोकथाम के लिए टीकाकरण, फॉगिंग, स्प्रे का कार्य तेज गति से चलाया हुआ है। मौके पर अतिरिक्त निगमायुक्त धीरज कुमार, नोडल अधिकारी डॉ. विजय चौधरी, उप मंडल अधिकारी रादौर डॉ. विकास शर्मा, डॉ. सुखबीर नैन, निगम के क्षेत्रीय कराधान अधिकारी अजय वालिया, सीएसआई हरजीत सिंह, देशराज, कुलदीप आदि मौजूद रहें।