हरियाणा सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग 75 प्रतिशत अनुदान पर सोलर वाटर पंप उपलब्ध करवाए जा रहे है। इसका उद्देश्य सिंचाई की लागत को कम करने के साथ-साथ बिजली की खपत में कमी लाना तथा डीजल पंप सेटों से होने वाले प्रदूषण से वातावरण को दूषित होने से बचाना व पर्यावरण सरंक्षण करना है। अब इस विभाग के पास इन पंपो को उखाड़ कर किसी अन्य व्यक्ति को बेचने या दूसरी जगह स्थानांतरण करने बारे शिकायतें प्राप्त हो रही है जोकि पंप का दुरूपयोग करने की श्रेणी में आता है।
विभाग द्वारा स्थापित किए गए स्थान के अलावा इन पंप सेटों को अन्य किसी स्थान पर स्थापित नहीं किया जा सकता और न ही इन्हे उखाड़ कर अपने घरेलू बिजली की जरूरत को पूरा करने के लिए प्रयोग किया जा सकता है। इन पंप सेटों को निर्धारित की गई जगह के अलावा दूसरी किसी भी जगह स्थानांतरित करने या किसी अन्य को यह पंप सेट बेचने पर विभागीय कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
किसान को दी गई अनुदान राशि की भी वसूली की जाएगी तथा कम्पनी द्वारा की गई पंप सेट की गारंटी भी खत्म हो जाएगी। उन्होंने बताया कि इस बारे में जिला स्तरीय अधिकारियों ने अपने स्तर पर इन पंपो का निरीक्षण करना शुरू कर दिया है। नियमानुसार पंप नहीं मिलने पर सम्बन्धित किसान के खिलाफ उचित कार्यवाही की जाएगी।