देश की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में 13 से 15 अगस्त तक मनाए जाने वाले हर घर तिरंगा अभियान को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के साथ ही इनेलो ने राशन डिपुओं पर गरीब लोगों को 20 से 25 रुपये में तिरंगा खरीदने पर मजबूर करने के आरोप जड़े हैं।
इस बीच करनाल सहित विभिन्न स्थानों पर डिपो धारकों द्वारा लोगों को तिरंगा खरीदने के लिए मजबूर करने की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने साफ कर दिया है कि किसी को जबरन झंडा नहीं दिया जा सकता।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि करनाल में डिपो धारक द्वारा राशन कार्ड धारकों को ज़बरदस्ती तिरंगा बेचने के मामले का मुख्यमंत्री ने कड़ा संज्ञान लिया है। मुख्यमंत्री ने सख्त और स्पष्ट आदेश दिए हैं कि कोई भी तिरंगा लेने के लिए बाध्य नहीं कर सकता।
उन्होंने कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति तिरंगा नहीं लेता है तो उसकी किसी सेवा को नहीं रोका जा सकता। हर घर तिरंगा अभियान के लिए स्वेच्छा से कोई भी तिरंगा ले सकता है।