हरियाणा से दो राज्यसभा सीटों के द्विवार्षिक चुनाव हेतु करीब दो माह पूर्व 10 जून को करवाए गए मतदान में निर्वाचित रहे निर्दलीय कार्तिक शर्मा ( जिन्हें आमतौर पर कार्तिकेय शर्मा के नाम से संबोधित किया जाता है) और भाजपा के कृष्ण लाल पंवार ने राज्यसभा सांसद के तौर पर शपथग्रहण कर ली है.
बहरहाल, इस विषय पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि उक्त दोनों राज्यसभा सांसदों का कार्यकाल अगले 6 वर्षों तक अर्थात 1 अगस्त, 2028 तक होगा. उक्त दोनों को हालांकि 10 जून को करवाए गए मतदान में रिटर्निंग आफिसर (आर.ओ.) आर.के. नांदल, जो हरियाणा विधानसभा के सचिव भी हैं, द्वारा मतदान संपन्न होने के पश्चात देर रात करवाई गई मतगणना के तुरंत बाद ही इलेक्शन सर्टिफिकेट (निर्वाचन प्रमाण पत्र ) प्रदान कर दिया गया था हालांकि उन दोनों के सम्बन्ध में केंद्र सरकार के कानून मंत्रालय के विधायी विभाग द्वारा निर्वाचन की गजट नोटिफिकेशन आज मंगलवार 2 अगस्त, 2022 को
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 67 और धारा 71 में जारी
की गई है जिसके साथ ही आज ही से उक्त दोनों का छः वर्षो का राज्यसभा कार्यकाल प्रारंभ हो गया है. इसी कारण उक्त दोनों नव-निर्वाचित सांसद पंवार और कार्तिक गत माह 18 जुलाई को देश के राष्ट्रपति चुनाव में वोट नहीं डाल पाए थे क्योंकि तब वह राज्यसभा सांसद नहीं थे. हालांकि अब आगामी शनिवार 6 अगस्त को होने वाले देश के उपराष्ट्रपति चुनाव में वह दोनों राज्यसभा सांसद के तौर पर मतदान कर पाएंगे.
इसी बीच हेमंत ने यह भी बताया क़ि आज से सवा 30 वर्ष पूर्व अप्रैल, 1992 में कार्तिक (कार्तिकेय ) के पिता विनोद शर्मा पंजाब से तत्कालीन बेअंत सिंह के दौरान कांग्रेस पार्टी से राज्यसभा सांसद निर्वाचित हुए थे एवं उनका कार्यकाल 6 वर्ष अर्थात अप्रैल, 1998 तक रहा था. उसी कार्यकाल दौरान शर्मा केंद्र में तत्कालीन पीवी नरसिंम्हा सरकार में केंद्रीय उपमंत्री ( डिप्टी मिनिस्टर) भी बने थे. हालांकि राज्य सभा सांसद बनने से पूर्व विनोद शर्मा पंजाब की पटियाला ज़िले की तत्कालीन बनूड़ विधानसभा सीट से एक बार कांग्रेस विधायक भी रहे थे. वर्ष 2005 और 2009 में विनोद हरियाणा की अम्बाला शहर सीट से दो बार लगातार कांग्रेस विधायक बने थे.
अब नव-निर्वाचित राज्यसभा सांसद का वास्तविक नाम कार्तिक शर्मा है या कार्तिकेय शर्मा, इस पर हेमंत ने बताया कि हालांकि 31 मई 2022 को जब उन्होंने हरियाणा से राज्यसभा चुनाव हेतु नामांकन किया था, तभी से प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया आदि पर उन्हें कार्तिकेय शर्मा ही कहा जा रहा है. परंतु चुनाव में विजयी होने पर मतगणना के पश्चात उन्हें जो सर्टिफिकेट आर.ओ. द्वारा प्रदान किया गया, उसमें उनका नाम कार्तिकेय शर्मा नहीं बल्कि कार्तिक शर्मा है. आर.ओ. द्वारा मतगणना के पश्चात तैयार की गयी निर्वाचन संचालन नियमों के अंतर्गत फॉर्म 23 बी में निर्वाचन रिटर्न में भी उन्हें कार्तिक शर्मा के नाम से निर्वाचित घोषित किया गया है.
यही नहीं आज 2 अगस्त को उन्होंने कार्तिक शर्मा के नाम से ही राज्यसभा सांसद की शपथ ली है. केंद्रीय कानून मंत्रालय के विधायी विभाग द्वारा आज जारी दो अलग अलग नोटिफिकेशन्स में भी उन्हें कार्तिक शर्मा ही दर्शाया गया है.
हालांकि हेमंत ने बताया कि आज निर्वाचन नोटिफिकेशन्स जारी होने के और कार्तिक शर्मा के तौर पर शपथ लेने के बाद वह राज्यसभा सभापति को आवेदन कर संसदीय दस्तावेजों में उनका नाम कार्तिक की बजाये कार्तिकेय करवा सकते हैं. राज्यसभा की सदन संचालन नियमावली में हालांकि सदस्य (सांसद) के नाम में आंशिक बदलाव करने बारे उल्लेख है.