पूर्व केन्द्रीय मंत्री अम्बाला लोकसभा सांसद रतनलाल कटारिया ने कहा कि काग्रेंस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने जिस तरह राष्ट्रपति के लिए अमर्यादित शब्द का इस्तेमाल किया, वह एक सांसद के आचरण के अनुरूप नहीं है। उन्होंने कहा कि देश का आम से आम व्यक्ति भी प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, संसद के नाम से भलीभांति परिचित है। ऐसे में अधीर रंजन चौधरी का यह कहकर पल्ला झाडऩे की कोशिश करना कि जुबान फिसल गई थी, यह दलील तो श्रीमती सोनिया गांधी को कटघरे में खड़ा करती है कि उन्होंने किस प्रकार के विवादित व्यक्ति को सदन में कांग्रेस का नेता बनाया है। अधीर रंजन चौधरी की अधीरता कांग्रेस को अक्सर भारी पड़ती रही है। राष्ट्रपति चुनाव के दौरान प्रत्याशी के बारे में पसंद या नापसंद किसी सांसद या पार्टी की हो सकती है, लेकिन चुनाव के बाद अब द्रौपदी मुर्मू भारत की नवनिर्वाचित राष्ट्रपति हैं, इसलिए उनके प्रति सम्मान हर नागरिक का दायित्व है।
रतनलाल कटारिया ने कहा कि इस वक्त कांग्रेस की जो डूबते जहाज जैसी स्थिति है, कांग्रेस नेता व्यक्तिगत तौर पर निराश हो सकते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह राष्ट्रपति के लिए अमर्यादित भाषा का प्रयोग करें, सांसद अधीर रंजन ने जो जुबान फिसलने व हिंदी कम जानने की दलील दी है, वह पचने लायक नहीं है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के लिए प्रेसिडेंट शब्द सभी भाषा में स्वीकार्य है।
उन्होंने कहा कि नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन की टिप्पणी देश के सर्वोच्च पद का जनजातीय समाज का और भारत की स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपरा पर विश्वास करने वाली जनता का अपमान है। कांग्रेस को इसके लिए देशवासियों से माफी मांगनी होगी, कांग्रेस के नेताओं के मन में आदिवासी समाज के प्रति कोई सम्मान नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने राष्ट्रपति का अपमान किया, इस देश की हर महिला का अपमान किया, देश के आदिवासी का अपमान किया, इस सदन का अपमान किया है यह देश नहीं सहेगा।