भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष स. गुरनाम सिंह चढूनी ने एलान किया है कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय की आड़ लेकर किसानों की पूर्वजों की जमीन छिन कर उधोगपतियों को देने की साजिश रच रही हैं प्रदेश का किसान यह बर्दाश्त नहीं करेगा और अपनी जमीन को लेकर सड़क पर आकर आंदोलन करेगा। चढूनी आज उप तहसील परिसर में किसानों के धरने को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि हर गांव में जब गांव बसे थे तब किसानों ने अपनी जरूरत के मुताबिक आठ प्रकार के कामों के लिए जमीन छोड़ी थी और बाद में वंशजों ने जरूरत के अनुसार कुछेक जमीन राजस्व जमा कर बेच दी अब सरकार इन जमीनों पर अपना हक जता रही हैं।
उन्होंने बताया कि सरकार विधानसभा में कानून बनाकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश से किसानों को राहत दे सकती हैं। उन्होंने इशारों में आरोप लगाया कि कहीं न कहीं गोलमाल है आखिर दो वर्ष पहले ही सरकार लेंड बैंक बना चुकी थी, सरकार को यह पहले ही कैसे मालूम हो गया था कि सुप्रीम कोर्ट का क्या निर्णय आने वाला है। धरनें को किसान नेता सुरेंद्र लितानी, सतीश बिठमड़ा, का. दया नंद ढूकिया, रामफल सेलवाल, पंकज बिठमड़ा, अमरजीत कुंडू ने भी संबोधित किया।