पहरावर गांव की 16 एकड़ जमीन गॉड ब्राह्मण संस्थान को दिए जाने की सुगबुगाहट के साथ अब नवीन जयहिंद ने ईपीबीजी आरक्षण, दोहली की जमीन, ब्राह्मण आयोग तथा फरसा रखने के कानूनी अधिकार की लड़ाई लड़ने की तैयारी कर ली है। उनका कहना है कि सरकार ने यह जमीन फरसे के डर से गौड ब्राह्मण शिक्षण संस्थान को दी है। नवीन जयहिंद आज रोहतक में एक प्रेस वार्ता में बोल रही थे।
हरियाणा सरकार की ओर से गौड ब्रहामण संस्था को पहरावर वाली जमीन दिए जाने की सुगबुगाहट के साथ नवीन जयहिंद एक बार फिर से सक्रिय हो गए हैं। उनका कहना है कि यह जमीन सरकार ने नहीं दी, हमने फरसे के दम पर नहीं है। क्योंकि यह जमीन सरकार की नहीं हमारी थी। इसलिए इस जमीन को लेकर वह भगवान परशुराम तथा उन फरसा धारियों के आभारी हैं जिन्होंने परशुराम जयंती पर पहरावर गांव में पहुंच कर सरकार को झुकने पर मजबूर कर दिया। अब इसके बाद वे ब्राह्मणों के लिए ईपीबीजी आरक्षण, दोहली की जमीन, ब्राह्मण आयोग तथा फरसा रखने का कानूनी अधिकार मांगने के लिए सरकार से दो-दो हाथ करेंगें।
जय हिंद ने रोहतक में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि 10 जुलाई को जंतर मंतर पर कश्मीरी पंडितों कश्मीरी हिंदुओं तथा सेना के पक्ष में एक बड़ा विरोध प्रदर्शन होने जा रहा है और वहां भी यह फरसा धारी इनके पक्ष में अपनी आवाज उठाएंगे। उन्होंने कहा के मुख्यमंत्री का धन्यवाद वे जब कर सकते थे जब गौड ब्राह्मण शिक्षण संस्थान की जमीन की मांग उठी और तुरंत मुख्यमंत्री वह जमीन ब्राह्मणों को दे देते। अब तो संस्था बनाने के लिए अगर मुख्यमंत्री 100 करोड रुपए देने का एलान करते हैं तो वह मुख्यमंत्री का उसी जमीन पर सम्मान समारोह कर देंगे।