अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से पात्र लोगों की सहायता के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। आजादी के अमृत महोत्सव श्रृंखला में अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की योजनाओं का पात्र व्यक्ति लाभ उठाकर स्वरोजगार स्थापित कर सकते हैं।
उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा अनुसूचित जाति के लोगों के जीवन स्तर को बेहतर करने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। लोगों की भलाई की सोच को मूर्त रूप देते हुए सरकार की ओर से हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम द्वारा अनुसूचित जाति के परिवारों के कल्याण के लिए योजनाएं चलाई जाती है। निगम की ओर से चलाई जा रही इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य अनुसूचित जाति के परिवारों के सदस्यों को वित्तीय सहायता के माध्यम से आजीविका साधन उपलब्ध कराकर उनकेजीवन स्तर को बेहतर करना है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम द्वारा बैंक के सहयोग से अनुसूचित जाति के परिवारों को वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई जाती है। पात्र परिवारों को विभिन्न योजनाओं जैसे-पशुपालन, हथकरघा, किरयाने की दुकान, कपड़े की दुकान, ई-रिक्शा/साइकिल मरम्मत की दुकान, बैंड पार्टी, आटा चक्की, दरी बनाना, चमड़ा और चमड़े के कार्य, फोटोग्राफी तथा ई-रिक्शा इत्यादि के लिए डेढ़ लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई जाती है।
निगम द्वारा कुल योजना लागत का 50 प्रतिशत अनुदान के रूप में (अनुदान की अधिकतम राशि दस हजार रुपए है), दस प्रतिशत सीमांत धन के रूप में और शेष बैंकों से ऋण के रूप में उपलब्ध करवाई जाती है। सीमांत धन चार प्रतिशत वार्षिक दर से दिया जाता है, जिसकी वसूली साढ़े पांच वर्षों में छमाही बराबर किस्तों में की जाती है।