November 23, 2024

आधुनिक तकनीकी के चलते साइबर अपराध भी घटित हो रहें है। साइबर अपराधों में साइबर अपराध पीडित को साइबर क्रिमनल किसी प्रकार कां झांसा देकर उनसे उनकी पर्सनल जानकारी पुछकर उनके साथ साइबर ठगी को अन्जाम देते है। परन्तु साइबर अपराध से बचनें के लिए खुद को जागरुक व सावधान रहनें की आवश्यकता है क्योकि अगर आप जागरुक होगें तो आपके साथ किसी भी प्रकार का साइबर अपराध भी घटित नही होगा। साइबर क्रिमनल अलग तरीके-2 अपनाकर लोगो को लॉटरी, ऑफर या अन्य किसी प्रकार का लालच देकर उनके साथ ठगी को अन्जाम देते है। ऐसे में ओटीपी वन टाईम पासवर्ड जो सिर्फ कुछ समय के आपका निजी जानकारी है।

अगर आपके किसी अन्जान व्यकित के साथ शेयर कर दिया तो आपका बैंक खाता खाली हो सकता है। इसलिए मोबाईल में प्राप्त कोई भी ओटीपी किसी अन्जान व्यकित के साथ शेयर ना करें चाहे वह व्यकित आपके लिए या आपके भले के लिए कोई कार्य कर रहा है। क्योकि साइबर अपराधी आपको झासें में लेकर ही आपको विश्वास में लेकर ओटीपी पुछता है। फिर आप उसके साथ शेयर कर देतें है और आप ठगी को शिकार हो जाते है। किसी भी अन्जान व्यकित के साथ बैंक खाता,ओटीपी. क्रेडिट व डेबिड कार्ड या अन्य किसी भी लिंक इत्यादि पर क्लिक ना करें। ना ही किसी के कहनें पर अपनें फोन में कोई साफ्टवेयर इत्यादि इंस्टाल करें।

ओटीपी का प्रयोग बैंकिग, ऑनलाइन शॉपिंग, सोशल मीडिया, पासवर्ड भूलने पर उसे रिकवर करने के लिए तथा आधार कार्ड से लिंक करनें तथा सिम कार्ड अप़डेट , नया सिम कार्ड खरीदते समय इत्यादि के ओटीपी की जरुरत पडती है। अगर आपनें अपना ओटीपी किसी अन्जान व्यकित के साथ शेयर कर दिया तो आप साइबर ठगी का शिकार हो सकते है। इसलिए जागरुक रहे। कोई भी ओटीपी या किसी लिंक पर क्लिक करनें से बचें और अगर आपके साथ किसी प्रकार का आपके साथ साइबर अपराध घटित हो जाता है तो तुरन्त राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाईन नम्बर 1930 तथा साइबर कम्पलेंट पोर्टल www.cybercrime.gov.in पर अपनी शिकायत दर्ज करवायें।

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