हरियाणा सरकार द्वारा धान की रोपाई के लिए 15 जून की तारीख निर्धारित की हुई है। ऐसे में किसानों के चेहरे कुछ समय खिल गए जब बरसात के बाद किसानों ने खेतों में धान की रोपाई करने का फैसला लिया लेकिन अग्निपथ योजना का विरोध के चलते बिहार से आने वाले लेबर ना मिलने के कारण अधिकतर किसान अभी तक रोपाई शुरू नहीं कर पाए। किसानों ने कहा कि पहले कोरोना के कारण लेबर नहीं मिल रही थी और अब अग्निपथ योजना के विरोध के कारण ट्रेनें बंद पड़ी हैं।
किसानों ने कहा कि धान की रोपाई को लेकर कुदरत पूरी तरह किसानों पर मेहरबान रही है लेकिन लेबर ना मिलने के कारण एक बार फिर किसान समय रहते धान की रोपाई नहीं कर पा रहे हैं। किसानों ने कहा कि धान की रोपाई करने वाली अधिकतर लेबर बिहार से आती है और केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई अग्निपथ योजना के विरोध के चलते ट्रेनें बंद पड़ी हैं जिसके कारण बिहार से आने वाली लेबर नहीं आ पा रही।
ऐसे में धान की रोपाई करने में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वही किसानों ने कहा कि बिहार से आने वाली लेबर ₹3000 प्रति एकड़ की रोपाई कर देती है, लेकिन ऐसे में लोकल लेबर ₹4500 प्रति एकड़ मांगती है।
बिहार से लेबर को लेकर आए ठेकेदार ने बताया कि 12 लोग मिलकर पूरे दिन में करीब अढ़ाई से 3 एकड़ जमीन में धान की रोपाई कर पाते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले साल 3000 रुपए से लेकर 3200 रुपए तक प्रति एकड़ मेहनत नामा मिला था इस बार महंगाई बढ़ गई है और वह भी उम्मीद करते हैं की धान की रोपाई के रेटों में बढ़ोतरी की जाए।