November 22, 2024

‘‘मैं अपने शहर को चमकाना चाहता हूं, इसको धरती का चांद बनाना चाहता हूं, मेरा बस चला तो खुशबू लाऊंगा चंदन के बाग से, मैं हर चेहरे पर मुस्कान लाना चाहता हूं, मैं अपने शहर को चमकाना चाहता हूं’’।

 

यह पंक्तियां किसी शायर या कवि ने नहीं, बल्कि हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज ने बीती रात आयोजित ऑल इंडिया त्रिभाषी कवि सम्मेलन एवं मुशायरे में मंच से सैकड़ों श्रोताओं के समक्ष पढ़ी। गत रात्रि अम्बाला छावनी के जीएमएन कालेज में प्रिंसिपल नंद लाल शर्मा मेमोरियल चेरीटेबल ट्रस्ट की ओर से कवि सम्मेलन एवं मुशायरे का आयोजन किया गया था जिसमें देशभर से कई नामी शायरों एवं कवियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में मुख्यतिथि गृह मंत्री अनिल विज के शायरना अंदाज को देख मंच पर बैठे कवि भी उनके कायल हुए और मंत्री विज के सम्मान एवं उनकी कार्यशैली पर कविता भी पड़ी जिसे तालियों की गड़गड़ाहट के साथ सराहा गया। कवि सम्मेलन व मुशायरे आगे चलते रहे इसलिए कार्यक्रम में मंत्री विज ने नंदलाल चेरीटेबल ट्रस्ट को अपने कोष से 10 लाख रुपए देने की घोषणा भी की।

 

गृह मंत्री विज ने दुनियाभर में कामयाबी के झंडे गाड़े : बिलाल सहारनपुरी

 

मंच से ही शायर बिलाल सहारनपुरी ने गृह मंत्री अनिल विज के सम्मान में पंक्तियां पड़ी और उनकी कार्यशैली की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि वह कुछ समय पहले दुबई गए थे और दुबई में उनका सीना तब फख्र से चौड़ा हो गया जब दुबई में उन्होंने गृह मंत्री अनिल विज की तस्वीर दुबई में शाही परिवार के शेख के साथ देखी। उन्होंने कहा मंत्री अनिल विज ने अम्बाला ही नहीं, उत्तर प्रदेश व हरियाणा ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में गृह मंत्री विज कामयाबी के झंडे गाड़े हैं।

 

‘जब इतिहास लिखा जाएगा तो बगैर अनिल विज के नाम से इतिहास मुकम्मल नहीं हो पाएगा’, मंत्री विज के सम्मान में पड़ी पंक्तियां

 

शायर बिलाल सहारनुपरी ने कहा कि ‘आप लोग खुशनसीब है, जब इतिहास लिखा जाएगा और अम्बाला व हरियाणा का जिक्र आएगा, तो बैगर अनिल विज के वो इतिहास मुकम्मल नहीं हो पाएगा’। मंत्री विज के सम्मान में शायर ने पंक्ति पढ़ते हुए कहा कि ‘सख्त मुश्किल है यहां जान बचाकर रखना, जान बच जाए तो ईमान बचाकर रखना और जो सभी धर्मों को इज्जत की नजर से देखे, ऐसे बस्ती में कुछ इंसान बचाकर रखना और रिवायतों की हसीन कहानी हो, नहीं मिलेंगे कहीं ऐसे जाफरानी लोग और तुम्हारे साथ में बैठे तो लगा हमको की बचे हुए है अभी खानदानी लोग’।

 

पिछले 50 सालों से चौक पर चाय पी रहा हूं : अनिल विज

 

शायरों ने मंच से ही गृह मंत्री अनिल विज के टी-प्वाइंट की भी तारीफ करी कि गृह मंत्री होने एवं व्यस्त रहने के बावजूद भी वह रोजाना सुबह बाजार के चौक पर बैठकर आज भी चाय पीते हैं। इसपर गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि वह पिछले 50 साल से चौक पर चाय पी रहे हैं। उन्होंने सभी शायरों को टी-प्वाइंट टी-प्वाइंट पर आकर चाय पीने का निमंत्रण भी दिया। सोमवार सुबह शायरों ने मंत्री विज के साथ टी-प्वाइंट पर बैठकर चाय भी की।

 

कवि सम्मेलन व मुशायरे के मंच देखने के अवसर नहीं मिल रहे, ऐसे मंच चलते रहने चाहिए : अनिल विज

 

गृह मंत्री अनिल विज ने कार्यक्रम में कहा कि आज के समय में सारी दुनिया टेलीविजन की खिड़की पर चिपककर बैठ गई है। इसके अलावा कुछ देख व समझ नहीं पा रही है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा भी दुनिया है। कवि सम्मेलन एवं मुशायरा भी एक मंच है जहां कवि आकर अपने शब्दों के माध्यम से कहते हैं, मगर ऐसे मंच देखने के अवसर अब नहीं मिल रहे हैं, ऐसे मंच चलते रहने चाहिए। उन्होंने कहा प्रिंसिपल नंदलाल शर्मा मेमोरियल चेरीटेबल ट्रस्ट द्वारा जो कवि सम्मेलन किया जा रहा है। अम्बाला छावनी की पुरानी पंरपरा रही है कि यहां पर कवि सम्मेलन और बड़े मुशायरे होते रहे हैं जिनमें बड़ी संख्या में दूर-दराज से लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते रहे हैं। आज ट्रस्ट इस परंपरा को आगे बड़ा रही है और वह इसके लिए इस संस्था का आभार प्रकट करते हैं। गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि कालेज के प्रिंसिपल नंदलाल शर्मा बेहतर प्रिंसिपल थे और उनके पढ़ाए विद्यार्थियों में आज भी महक देखने को मिलती है। उनका पढ़ाने का जो तरीका था वह उत्कृष्ट था, शिक्षा के साथ संस्कार देने का उनका तरीका था, जिस ढंग से वह पढ़ाते थे आज भी उनको लोग याद करते हैं।

 

यह हमारा भारतवर्ष है और हमने हमेशा सबको आजादी का अवसर प्रदान किया है : अनिल विज

 

गृह मंत्री अनिल विज ने शायर द्वारा पढ़ी पंक्तियों की तारीफ करते हुए कहा कि कविता के माध्यम से उन्होंने कई विषयों को रखा है और इन विषयों का जो सार है कि हमें सभी धर्मों का सम्मान करने चलना चाहिए, सब को साथ लेकर चलना चाहिए, सबको अपने-अपने धर्मों के अनुसार चलने की पूर्णत: आजादी होनी चाहिए। सबको अपने धार्मिक अनुष्ठान करने के अवसर मिलने चाहिए। उन्होंने कहा कि यह हमारा भारतवर्ष है और हमने हमेशा सबको इसका अवसर प्रदान किया है।

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