श्री गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान, त्याग और तप को बखूबी अद्भुत तरीके से प्रदर्शनी में दिखाया गया है। इस पावन धरा पर राज्यस्तरीय प्रदर्शनी श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी वर्ष को समर्पित की गई है। इस अद्भुत प्रदर्शनी में श्री गुरु तेग बहादुर जी के एकांत वास से लेकर पूरे परिवार द्वारा दिए गए बलिदान को चित्रों व इतिहास के साथ दिखाया गया है। यह प्रदर्शनी निश्चित ही युवा पीढ़ी को प्रेरित करेगी और इस प्रदर्शनी के माध्यम से युवाओं को श्री गुरु तेग बहादुर जी द्वारा दिए गए बलिदान को जानने का अवसर भी मिला है। अहम पहलू यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यपाल प्रोफेसर अशीम कुमार घोष व मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस प्रदर्शनी का उदघाटन किया।
उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने ज्योतिसर में सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग हरियाणा की तरफ से लगाई गई प्रदर्शनी का निरीक्षण किया और इस प्रदर्शनी को श्रद्घालुओं और खासकर युवा पीढ़ी के लिए खुला रखने के लिए कहा है। अब यह प्रदर्शनी 27 नवंबर तक आमजन के लिए खुली रहेगी। इस प्रदर्शनी को श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी वर्ष को समर्पित किया गया है। इस प्रदर्शनी में श्री गुरु तेग बहादुर जी के त्याग, तप और आत्मज्ञान, श्री गुरु तेग बहादुर जी का एकांतवास, 1635 इस्वी. में करतारपुर की लड़ाई, नैतिक मुल्यों की शिक्षा, शस्त्र विद्या, घुड़सवारी, शास्त्र विद्या, श्री गुरु तेग बहादुर जी के जन्म, 4 पोते साहिबजादे, पुत्र श्री गुरु गोबिंद सिंह जी, माता गुजरी, माता नानकी, श्री हर गोबिंद सिंह, माता गंगा, गुरु अर्जुन देव जी के इतिहास के साथ दर्शाया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रदर्शनी में भाई सती दास, भाई मती दास, भाई दयाला के बलिदान को भी दिखाया गया है। इस प्रदर्शनी का अवलोकन करने के लिए निजी व सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के साथ-साथ आस-पास के गांवों के नागरिक भी पहुंचे। राजकीय स्कूल के शिक्षक हरप्रीत सिंह और गुरतेज सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार के प्रयासों से कुरुक्षेत्र के ही नहीं हरियाणा प्रदेश के नागरिकों को श्री गुरु तेग बहादुर जी के जीवन और परिवार के बलिदान के बारे में जानने का अवसर मिला है। इस प्रदर्शनी का अवलोकन करने से युवाओं को श्री गुरु तेग बहादुर जी के इतिहास और बलिदान को जानने का मौका मिला है।