प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राव नरेन्द्र सिंह, सांसद दीपेन्द्र हुड्डा, राष्ट्रीय सचिव एवं हरियाणा कांग्रेस के सह-प्रभारी प्रफुल्ल गुड़थे आज करनाल में ‘वोट चोर-गद्दी छोड़’ कार्यक्रम में पहुंचे और जनसभा को संबोधित करने के बाद मार्च पास्ट करते हुए जिला उपायुक्त को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा।
इस अवसर पर सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि भाजपा की तानाशाह सरकार द्वारा सत्ता का दुरुपयोग करके सत्ता में बने रहने के लिये चुनाव आयोग से मिलीभगत करके हरियाणा में वोट चोरी की बहुत बड़ी साजिश को अंजाम दिया है। ये हकीकत सामने आ गई कि प्रजातन्त्र का गला घोंटकर हरियाणा में बीजेपी सरकार बनी है।
ऐसा लगता है चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार चुनाव आयोग के आयुक्त के रूप में नहीं बल्कि, भाजपा के सबसे बड़े पन्ना प्रमुख के रूप में कार्य कर रहे हैं। देश के प्रजातंत्र और बाबा साहब के संविधान को बचाने के लिये हम सभी को मिलकर लड़ाई लड़नी होगी। इस दौरान भारी जनसमूह मौजूद रहा और पूरा पंडाल ‘वोट चोर-गद्दी छोड़’ के नारों से गूंजता रहा।
दीपेन्द्र हुड्डा ने अपने सम्बोधन में कहा कि हम शुरु से कहते आ रहे थे कि हरियाणा में भाजपा की सरकार जनभावना से नहीं बनी बल्कि साम, दाम, दंड भेद, यंत्र मंत्र तंत्र से, सत्ता का दुरुपयोग करके, चुनाव आयोग से मिलीभगत करके बनायी गयी सरकार है।
जनभावना भाजपा के पक्ष में नहीं थी। लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने पूरे तथ्यों और प्रमाणों के साथ वोट चोरी का खुलासा पूरे देश के सामने किया। हरियाणा समेत कर्नाटक, महाराष्ट्र की मतदाता सूची में व्यापक हेरफेर का खुलासा हुआ है। हरियाणा के लोग भाजपा के 10 साल की सरकार से त्रस्त थे और बदलाव चाहते थे।
भाजपा की 10 साल की सबसे विफल सरकार ने हरियाणा का भट्ठा बैठा दिया था। इसीलिये भाजपा ने लोकसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री का चेहरा बदल दिया। भाजपा को ये भी पता था कि केवल मुख्यमंत्री का चेहरा बदलकर वो दोबारा सत्ता में नहीं पहुंच पाएगी। इसीलिये विधानसभा चुनाव में सत्ता बल, मीडिया बल, धन बल का दुरुपयोग और मतदाता सूची में बहुत बड़ा घोटाला करके वोट चोरी की गयी, हर तरह का खेल खेला गया।
यही नहीं भाजपा ने और भी खेल खेले। हरियाणा और महाराष्ट्र चुनाव की तारीखों को अलग-अलग किया, फिर हरियाणा में मतदान की तारीखों को बदला। चुनाव को प्रभावित करने के लिये भाजपा जो कुछ कर सकती थी सब कुछ किया। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने खुद कहा कि ‘सारी व्यवस्थाएं, सारे इंतजाम हैं हमारे पास’। हरियाणा में व्यवस्थाओं और इंतजाम से सरकार बनी है।
उन्होंने कहा कि 2 करोड़ मतदाता और 3 करोड़ आबादी वाले हरियाणा में 25 लाख वोट ही संदिग्ध हैं। कई जगह एक आदमी के सौ-सौ वोट मिल रहे हैं। कई जगह ऐसे वोट मिल रहे जिनका अस्तित्व ही नहीं है। कई जगह ऐसे वोट मिल रहे जो एक ही आदमी महिला है तो वही व्यक्ति पुरुष के रूप में दर्ज है। होडल में एक ही घर में 500-500 वोट मिले।
राहुल गांधी के खुलासे के बाद जब मीडिया वाले उस घर में पहुंचे तो पता चला कि 500 वोट वाला वो घर भाजपा के पूर्व पार्षद का है जहां केवल 7 लोग रहते हैं। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में मात्र आधा प्रतिशत मत के अंतर से सरकार का फैसला हुआ, बीजेपी कांग्रेस के बीच महज 22 हजार वोटों का फर्क रहा। मीडिया में 16 एक्जिट पोल ने दिखाया कि हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बन रही है। एक्जिट पोल गलत नहीं थे, वो सही दिखा रहे थे।
भाजपा को 39.9 प्रतिशत, तो कांग्रेस को 39.5 प्रतिशत वोट मिला। जब पोस्टल बैलट की गिनती हुई तो 90 में से 76 सीटों पर कांग्रेस आगे थी। पिछले 5 विधानसभा चुनावों का रिकार्ड रहा है कि जो पार्टी पोस्टल बैलट में आगे आयी उसी की सरकार बनी। लेकिन इस बार पोस्टल बैलट में कांग्रेस के आगे होने के बावजूद सरकार भाजपा की बनी। लोकसभा चुनाव में भाजपा को 45 प्रतिशत वोट मिला, जबकि कांग्रेस को 47.6 प्रतिशत यानी ढाई प्रतिशत वोट अधिक मिला।