भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष रतनमान ने कहा कि प्रदेश में किसानों की मेहनत और पसीने से जुड़ी धान खरीद प्रक्रिया में सामने आए बड़े घोटाले की निष्पक्ष जांच के बजाय प्रशासन और सरकार द्वारा इसे काली जांच में बदल देने से किसानों में गहरा रोष व्याप्त है। इसी के विरोध में भारतीय किसान यूनियन ने 13 नवंबर (वीरवार) को जोरदार विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। विरोध प्रदर्शन को लेकर सर छोटूराम किसान भवन में भाकियू की मीटिंग हुई। जिसकी अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष रतनमान ने की। किसानों को संबोधित करते हुए रतनमान ने बताया कि वीरवार को किसान काले कपड़े पहनकर और काले बिल्ले लगाकर अपनी नाराजगी का इज़हार करेंगे। किसान सुबह 10 बजे जाट धर्मशाला से एकजुट होकर पैदल मार्च करते हुए जिला सचिवालय पहुंचेंगे और इस काली जांच को लेकर मुख्यमंत्री के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यह विरोध केवल जांच प्रक्रिया के खिलाफ नहीं है, बल्कि उन अधिकारियों, राजनेताओं और बिचौलियों के खिलाफ भी है जिन्होंने किसानों की मेहनत की फसल पर डाका डाला और फिर उसे छुपाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने जल्द ही इस घोटाले की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच कराकर दोषियों को दंडित नहीं किया, तो भारतीय किसान यूनियन राज्यव्यापी आंदोलन छेडऩे से भी पीछे नहीं हटेगी।
भाकियू प्रदेश अध्यक्ष रतनमान ने कहा कि धान की खरीद प्रक्रिया में जो अनियमितताएँ और भ्रष्टाचार सामने आए हैं, वे यह साबित करते हैं कि सरकार और प्रशासन किसानों के हितों की रक्षा करने में विफल रहे हैं। जब किसानों के पसीने की कमाई पर अफसरशाही और दलाली का खेल खेला जाएगा, तो किसान चुप नहीं बैठेगा। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय किसान यूनियन ने पहले भी कई बार सरकार को चेताया था कि मंडियों और खरीद केंद्रों पर गड़बड़ियां की जा रही हैं। लेकिन सरकार ने किसी भी स्तर पर गंभीरता नहीं दिखाई। अब जब घोटाला सामने आ गया है, तो उसकी जांच को काली जांच में बदलकर पूरे मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने कहा कि किसान अब चुप नहीं बैठेगा। जब तक न्याय नहीं मिलेगा, यह संघर्ष जारी रहेगा। भारतीय किसान यूनियन ने सभी किसानों से अपील की है कि वे इस आंदोलन में शामिल होकर किसानों की एकजुटता और न्याय की मांग को मज़बूती दें। रतनमान ने कहा कि सरकार को किसानों की इस चुप्पी को कमजोरी न समझना चाहिए। यदि किसान सडक़ों पर उतर आया तो यह प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश में एक बड़ा आंदोलन बन सकता है। इस अवसर पर वरिष्ठ किसान नेता प्रेमचंद शाहपुर, उत्तरी हरियाणा प्रभारी मेहताब कादियान, प्रदेश संगठन सचिव श्याम सिंह मान, प्रवक्ता सुरेंद्र सांगवान, कानूनी सलाहकार बलबीर सिंह तेवतिया, जसबीर जैनपुर सहित अन्य मौजूद रहे।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यह विरोध केवल जांच प्रक्रिया के खिलाफ नहीं है, बल्कि उन अधिकारियों, राजनेताओं और बिचौलियों के खिलाफ भी है जिन्होंने किसानों की मेहनत की फसल पर डाका डाला और फिर उसे छुपाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने जल्द ही इस घोटाले की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच कराकर दोषियों को दंडित नहीं किया, तो भारतीय किसान यूनियन राज्यव्यापी आंदोलन छेडऩे से भी पीछे नहीं हटेगी।
भाकियू प्रदेश अध्यक्ष रतनमान ने कहा कि धान की खरीद प्रक्रिया में जो अनियमितताएँ और भ्रष्टाचार सामने आए हैं, वे यह साबित करते हैं कि सरकार और प्रशासन किसानों के हितों की रक्षा करने में विफल रहे हैं। जब किसानों के पसीने की कमाई पर अफसरशाही और दलाली का खेल खेला जाएगा, तो किसान चुप नहीं बैठेगा। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय किसान यूनियन ने पहले भी कई बार सरकार को चेताया था कि मंडियों और खरीद केंद्रों पर गड़बड़ियां की जा रही हैं। लेकिन सरकार ने किसी भी स्तर पर गंभीरता नहीं दिखाई। अब जब घोटाला सामने आ गया है, तो उसकी जांच को काली जांच में बदलकर पूरे मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने कहा कि किसान अब चुप नहीं बैठेगा। जब तक न्याय नहीं मिलेगा, यह संघर्ष जारी रहेगा। भारतीय किसान यूनियन ने सभी किसानों से अपील की है कि वे इस आंदोलन में शामिल होकर किसानों की एकजुटता और न्याय की मांग को मज़बूती दें। रतनमान ने कहा कि सरकार को किसानों की इस चुप्पी को कमजोरी न समझना चाहिए। यदि किसान सडक़ों पर उतर आया तो यह प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश में एक बड़ा आंदोलन बन सकता है। इस अवसर पर वरिष्ठ किसान नेता प्रेमचंद शाहपुर, उत्तरी हरियाणा प्रभारी मेहताब कादियान, प्रदेश संगठन सचिव श्याम सिंह मान, प्रवक्ता सुरेंद्र सांगवान, कानूनी सलाहकार बलबीर सिंह तेवतिया, जसबीर जैनपुर सहित अन्य मौजूद रहे।