November 5, 2025
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भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रदेश अध्यक्ष रतनमान ने आज करनाल में पत्रकारों से बातचीत करते हुए एक बड़ा बयान दिया। उन्होंने हाल ही में सामने आए करोड़ों रुपये के धान घोटाले को लेकर सरकार की आलोचना की और कहा कि यह घोटाला पूरी तरह से राजनीतिक संरक्षण में हुआ है।

रतनमान ने इस घोटाले में शामिल मुख्य गुनहगारों को शीघ्र गिरफ्तार करने की मांग की और चेतावनी दी कि अगर सरकार असली अपराधियों को गिरफ्तार करने में विफल रही, तो भाकियू इस मामले में जन आंदोलनों का रुख अपनाएगी। इस मामले को लेकर भाकियू की मीटिंग सर छोटूराम किसान भवन में हुई।

रतनमान ने कहा, यह घोटाला किसी एक व्यक्ति या कर्मचारियों की गलती नहीं है, बल्कि यह एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा है, जिसमें भाजपा के कुछ नेताओं का संलिप्तता स्पष्ट है। यह घोटाला राजनीति के संरक्षण में हुआ है और सरकार की नाकामी के कारण असली गुनहगार अभी तक पकड़े नहीं गए हैं। इस घोटाले में शामिल आढ़ती, फर्जी किसान और ट्रांसपोर्ट वाले जो शामिल है उन्हें भी जांच में शामिल किया जाए ताकि ताकि मामले की सच्चाई पूरी तरह से सामने आ सके और जांच पारदर्शी ढंग से हो।

कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज करना केवल दिखावा
प्रदेश अध्यक्ष रतन मान ने हाल ही में कर्मचारियों पर दर्ज एफआईआर पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा, सरकार केवल मामूली कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, जबकि असली गुनहगार बड़े राजनीतिक चेहरे हैं। यह केवल मामले को दबाने और दिखावे का प्रयास है, ताकि जनता को भ्रमित किया जा सके। सरकार को चाहिए कि वह असली गुनहगारों के खिलाफ सख्त कदम उठाए।

उन्होंने यह भी कहा कि इस घोटाले में भाजपा नेताओं की मिलीभगत साफ़ तौर पर नजर आ रही है, लेकिन सरकार उनकी रक्षा करने की कोशिश कर रही है। रतनमान ने आरोप लगाया कि जब तक सरकार भाजपा नेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं करती, तब तक यह घोटाला एक सामान्य कर्मचारी स्तर पर ही अटका रहेगा।

मंडी सचिव और अन्य कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर
करनाल जिले में आज मंडी सचिव और अन्य कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, लेकिन रतनमान ने इसे महज एक दिखावा करार दिया। उन्होंने कहा, एफआईआर केवल घोटाले की ओर लोगों का ध्यान खींचने के लिए की गई है, असली गुनहगारों को सरकार बचा रही है। जब तक सरकार असली गुनहगारों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती, तब तक यह मामला सुलझने का नाम नहीं लेगा।

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